बिहार में चुनाव से पहले मंडल vs मंडल: JDU में गुटबाजी! महिला नेत्री को लेकर MP और MLA में ठनी
भागलपुर में जदयू सांसद अजय मंडल और विधायक गोपाल मंडल के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। विधायक गोपाल मंडल ने सांसद पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिनमें आपराधिक घटनाओं में शामिल होने और सरकारी जमीन पर अफीम की खेती करवाने जैसे आरोप शामिल हैं। सांसद अजय मंडल ने विधायक के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है जिसके बाद विधायक ने प्रेस वार्ता कर पलटवार किया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Politics: बिहार में भागलपुर जिले की सियासत इन दिनों पूरी तरह मंडल बनाम मंडल की जंग में तब्दील हो गई है। जदयू के सांसद अजय मंडल और विधायक गोपाल मंडल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अब खुले टकराव में बदल चुका है।
बता दें कि बीते दिनों विधायक गोपाल मंडल ने सांसद के साथ रहने वाली उनकी भांजी के बारे में घिनौने आरोप लगाए। इससे आहत होकर सांसद अजय मंडल ने बुधवार को घोघा थाने में विधायक के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवा दिया।
गोपाल मंडल ने फिर लगाए आरोप
इसके बाद एक बार फिर गोपाल मंडल ने पलटवार किया है। मानहानि केस दर्ज होते ही गुरुवार को विधायक गोपाल मंडल ने हाउसिंग बोर्ड स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता बुलाई और सांसद पर कई गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी।
उन्होंने दावा किया कि अजय मंडल, जनप्रतिनिधि बनने से पहले कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं। रानी तालाब निवासी एक व्यक्ति की हत्या कराने, कई अन्य हत्याओं में संलिप्तता, और अपराधियों को संरक्षण देने के भी आरोप लगाए।
झूठ बोल रहा हूं तो मेडिकल टेस्ट करा लो: मंडल
गोपाल मंडल ने कहा कि सांसद ने सरकारी जमीन पर करीब 40 बीघा में अफीम की खेती करवाई और पकड़े जाने पर किसी रिश्तेदार का नाम डालकर बच निकले। इस दौरान शराब के अवैध धंधे, रेल पटरी और बिजली तार चोरी के भी पुराने आरोप दोहराए।
उन्होंने तो यहां तक कहा कि सांसद को कथित अवैध संबंधों के कारण गंभीर बीमारी है और चुनौती दी। अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो संसद भवन के मेडिकल सेंटर से जांच कर ली जाए। मैं यह मामला मुख्यमंत्री के सामने भी रखूंगा, ताकि इनका पर्दाफाश हो सके।
प्रेस वार्ता के दौरान गोपाल मंडल।
पॉकेटमारों का सरदार बताया
विधायक ने सांसद को पॉकेटमारों का सरदार बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर ही अजय मंडल का समर्थन किया था, लेकिन अब उन्हें सांसद मानने से इनकार करते हैं। उन्होंने सांसद अजय मंडल की भांजी और जदयू की महिला नेत्री को लेकर कहा कि मैं जो बात बोला हूं, वह बिल्कुल सही है।
अगर मैं जरा सा भी गलत हूं तो सांसद अजय मंडल इस बात का प्रूफ दें कि उसे महिला नेत्री के साथ उनका क्या संबंध है, कागज के साथ। उन्होंने यहां तक भी कह दिया कि जब महिला नेत्री का संबंध मुंगेर जिले से है तो उसे मुंगेर का प्रभारी बनाना चाहिए था, लेकिन उसे भागलपुर जिले का प्रभारी बना दिया गया।
'हमें पार्टी से निकालने वाले वो कौन?'
वहीं, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विधायक गोपाल मंडल ने नवगछिया के जदयू जिलाध्यक्ष को भी खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि वह हमें पार्टी से निकालने वाला कौन होता है। वहीं, राजनीतिक गलियारों में यह विवाद केवल व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला नहीं, बल्कि जदयू के भीतर गहराती गुटबाजी का आईना है।
महिला को लेकर दिए गए विवादित बयान से शुरू हुआ यह टकराव अब पार्टी नेतृत्व के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। चुनावी साल में ऐसे आरोप-प्रत्यारोप न केवल नेताओं की व्यक्तिगत छवि पर असर डालते हैं, बल्कि पार्टी की साख और एकजुटता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकते हैं।
अब देखना यह होगा कि जदयू नेतृत्व इस मंडल बनाम मंडल की जंग को शांत करने के लिए क्या कदम उठाता है, या फिर यह सियासी रिंग में एक और जोरदार राउंड का आगाज करेगा।
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