Bihar News ...हिंदुओं का शक्तिशाली होना जरूरी, विजयादशमी उत्सव पर गरजे RSS के वरिष्ठ पदाधिकारी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी देवव्रत संगठन के स्थापना दिवस पर आयोजित विजयादशमी उत्सव में शिरकत करने रविवार को भागलपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हिंदू भारतीय संस्कृत समेत तमाम मुद्दों खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमारे समाज और संस्कृति के लिए हमारे अंदर हिंदू होने का भाव बेहद जरूरी है। विजयादशमी पर्व इस का प्रतिनिधित्व करता है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ पदाधिकारी देवव्रत संगठन के स्थापना दिवस पर आयोजित विजयादशमी उत्सव को संबोधित करते हुए कहा हम हिंदू हैं और यह भाव सभी में होना चाहिए।
आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि विजयादशमी पर्व राष्ट्रधर्म का प्रतिनिधित्व करता है। यह उत्सव आत्मशुद्धि का प्रतीक पर्व है। यह पर्व हर वर्ग को जोड़ता है। मां दुर्गा अपने सभी हाथों में अस्त्र-शस्त्र रखतीं हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर असुरों का संहार किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और धर्म पर कोई खतरा न हो, इसके लिए हिंदू समाज का शक्तिशाली होने की जरुरत है, ताकि हमपर कोई आंख नहीं उठा सके।
बापू और संगठन के संस्थापक के बारे में की बात
उन्होंने कहा कि स्वयं महात्मा गांधी ने एक बार आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार से कहा था कि जो काम हम नहीं कर सके, उसे आप बहुत बढ़िया से पूरा कर रहे हैं। आपका संगठन देश के लिए उपकारी होगा। गांधीजी ने कहा था कि भारत में जात-पात को मिटाना जरुरी है। इस भाव को डॉ. हेडगेवार ने साकार करके दिखाया।
हर मौके पर की देश की सेवा
RSS पदाधिकारी देवव्रत ने कहा कि संघ के कार्यकर्ताओं ने हिंदू समाज की रक्षा करने के लिए अपना बलिदान तक दिया है। इस बार तो स्वयंसेवकों ने सेना की भी मदद की है। देश में जब भी संकट आता है, स्वयंसेवक भारत माता की जय बोलते हुए उसके समाधान में जुट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में की थी। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों ने आह्वान किया कि संघ का इतना विस्तार करें कि शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम में भागलपुर नगर में एक हजार गणेवशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन हो।
RSS पर लगे प्रतिबंधों को भी किया याद
RSS पदाधिकारी देवव्रत ने संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर गुरुजी की भी चर्चा की। उन्होंने संघ पर तीन बार लगे हुए प्रतिबंधों के बारे में भी विस्तार से जानकारी स्वयंसेवकों को दी।
स्वयंसेवकों का अद्भुद पथ संचलन
विजयदशमी उत्सव के दौरान जैन ट्रांसपोर्ट के मैदान से 300 गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। 45 मिनट पर घोष के स्वर पर कदम से कदम मिलाकर स्वयंसेवक आगे बढ़ रहे थे।
इस दौरान उस समय दृश्य काफी भावुक हो गया, जब सड़क के दोनों ओर काफी संख्या में महिला-पुरुष और बच्चे स्वयंवकों का स्वागत कर रहे थे। माताएं हाथ में आरती की थाली लेकर खड़ी थीं। लोग छत और सड़क किनारे से स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।
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