अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022: शराब की गंध आते ही भट्ठी पर धावा बोल देती थी अनामिका, बंद करवा दिया ये धंधा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022- बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अनामिका ने अहम किरदार निभाया। शराब पीने वालों की सूचना देकर पुलिस से गिरफ्तारी भी करवाई। शराब के धंधेबाजों ने अनामिका व ग्राम संगठन की अध्यक्ष रूपा टुडु को धमकियां भी दी। लेकिन वो हार नहीं मानी...

नीरज कुमार, जासं, कटिहार: शराबबंदी अभियान में अपने संघर्षों के कारण सदर प्रखंड के गरभैली पंचायत के मधेपुरा गांव की अनामिका देवी ने अपनी अलग पहचान बनाई है। चार दिन पूर्व पूर्णिया में मुख्यमंत्री के समाज सुधार अभियान कार्यक्रम में शराबबंदी और नशामुक्त समाज को लेकर अनामिका जीविका दीदीयों के साथ अपनी प्रस्तुति भी कर चुकी है। शराबबंदी मुहिम में अनामिका को कई बार शराब के धंधेबाजों ने गांव छोडऩे अन्यथा परिणाम भुगतने की धमकी दी। हिम्मत नहीं हारते हुए अपने गांव सहित आस पास के इलाकों में दर्जनों शराब की भट्ठी को नष्ट कर शराब बेचने व पीने वालों को जेल तक भिजवा चुकी है।
अनामिका जीविका की आरती स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है। चार वर्ष पूर्व जीविका द्वारा टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में तत्कालीन जिलाधिकारी के शराबबंदी अभियान में जीविका दीदीयों से आगे आने की अपील से प्रेरित होकर इस मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के बाद गांव में शराबबंदी को लेकर ग्राम संगठन की बैठक की। बैठक में महिलाओं की रैली निकाल शराब के धंधे से जुड़े लोगों से इस कारोबार को छोडऩे की अपील करने का निर्णय लिया गया। अनामिका बताती हैं कि 300 महिलाओं की रैली निकाल शराब कनाने व बेचने वालों से इसस धंधे को छोडऩे की अपील की गई। लेकिन इसका कोई भी असर दिखाई नहीं दिया।
महिलाओं के साथ बैठक कर शराब भट्ठियों पर धावा बोलने का निर्णय लिया गया। जीविका दीदीयों ने प्राणपुर चौक सहित कई स्थानों पर शराब की भट्ठी को नष्ट किया। पुलिस को सूचना देकर अर्धनिर्मित देसी शराब को नष्ट करने की कार्रवाई की गई। शराब के धंधे से जुड़े लोगों व शराब पीने वालों की सूचना देकर पुलिस से गिरफ्तारी भी करवाई। शराब के धंधेबाजों ने अनामिका व ग्राम संगठन की अध्यक्ष रूपा टुडु को धमकियां भी दी। इस कारण इस अभियान से जुड़ी कई महिला डर भी गई। लेकिन साथ में पुलिस व प्रशासन के होने की बात कह अनामिका उनका हौसला बनाए रखी। इस मुहिम से मधेपुरा सहित आस के गांवों की तस्वीर भी बदलने लगी।
शराब की गंध लगते ही बोल देती थी धावा
अनामिका बताती हैं कि शराब के धंधेबाजों ने पुलिस व जीविका महिला समूह की मुहिम के कारण खेत खलिहानों में देसी शराब बनाने का काम चोरी छुपे शरू किया। शराब बनाए जाने वाले अड्डों की जानकारी लेने के लिए जीविका दीदीयों के साथ खेत खलिहान का खाक छानती थी। शराब की गंध आते ही समूह की महिलाओं के साथ धावा बोल शराब भट्ठी को नष्ट कर इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देती थी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी व नशामुक्ति अभियान का सकारात्मक असर हुआ है। नशामुक्ति को लेकर अब भी लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।