जागरण संवाददाता, भागलपुर। गोराडीह अवस्थित गोशाला की 354 एकड़ भूमि में से 118 एकड़ भूमि इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जिला प्रशासन द्वारा चिह्नित की गई थी। इसकी अनुशंसा भी सरकार को की गई। गोराडीह अंचल में औद्योगिक गलियारा (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) के निर्माण के लिए चिह्नित जमीन पर जमाबंदी करा ली गई है।
155 लोगों के नाम से जमाबंदी का मामला जांच में आया है। यह मामला गोराडीह के मोहनपुर मौजा में 117 एकड़ 18 डिसमिल पर जमीन ट्रांसफर (निःशुल्क अंतर्विभागीय भू-हस्तांतरण) का है। जिसपर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की योजना प्रस्तावित है।
मामले की जांच में जुटा जिला प्रशासन
अब जिला प्रशासन इस मामले की पड़ताल में जुट गया है। गोशाला की जमीन पर जमाबंदी कैसे हुई? किसके आदेश से हुई और उसकी सत्यता की जांच होगी।
इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है, क्योंकि प्रस्तावित जमीन से जमाबंदी (Bihar Jamin Jamabandi) को समाप्त नहीं किया गया तो उद्योग स्थापित करने की कार्ययोजना धरातल पर नहीं उतर पाएगी। हालांकि, डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जांच टीम में कौन-कौन शामिल?
इस जांच टीम में आपदा प्रबंधन के एडीएम, सदर एसडीओ व सदर डीसीएलआर काे शामिल किया गया है। डीएम ने कमेटी को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। इसे लेकर संबंधित लोगों को नोटिस भी जारी किया गया था।
बुधवार को जिला राजस्व कार्यालय में अपर समाहर्ता के पास 155 लोगों ने अधिवक्ता के माध्यम से अपना पक्ष रखा। वहीं औद्योगिक गलियारा की चिह्नित जमीन पर निर्माण पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
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