Bihar News: बिहार में बदलाव वाली होली, रंग में नहीं पड़ा भंग; प्रशासन के इस बड़े फैसले का दिखा असर
इस बार होली के त्योहार में बिहार में बदलाव आया है। सरकार के आदेश पर भोजपुरी अश्लील गानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे सार्वजनिक स्थानों पर इन गानों का प्रसारण नहीं हो रहा है। इस कदम से महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा के साथ-साथ बच्चों की मनोवृत्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। प्रशासन की सख्ती की वजह से इसका असर दिखा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार में एक झटके में होली मनाने का अंदाज बदल गया। पिछले कई वर्षों से होली की दस्तक होते ही भोजपुरी अश्लील गाना बजना परंपरा बन गई है। लोगों को ऐसा लगने लगा है कि उसके बगैर होली का त्योहार अधूरा है।
इस बार सरकार के आदेश के बाद इस पर कड़ाई से अमल किया गया। यही वजह रही कि भोजपुरी गायकों के डबल मीनिंग अश्लील गाने सुनने को नहीं मिले। इसमें कमी आई है, लेकिन पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है।
सरकार के प्रयासों से लगा ब्रेक
होली के जश्न के दौरान कई जगहों से डीजे पर अश्लील गाने बजाने का मामला सामने आया है। प्रदेश में होली का त्योहार आते ही गांव की गलियों से लेकर चौक-चौराहों, वाहनों आदि सार्वजनिक जगहों पर भोजपुरी दो अर्थी अश्लील कान फाड़ु गानों को झेलना पड़ता है।
यह लंबा समय पिछले कई वर्षों से यह धीरे-धीरे परंपरा में शामिल हो गया था, जो तेजी से पैर पसार रही थी। इस बार सरकार के प्रयासों से इस पर ब्रेक लगता दिख रहा है।
पांच दिन में दिखा असर
बिहार पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किया कि दोहरे अर्थवाले अश्लील भोजपुरी गानों के प्रसारण से समाज पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा साथ ही बच्चों की मनोवृत्ति बुरी तरह प्रभावित होती है। महिलाएं लज्जा का अनुभव करती है।
डीजे पर अश्लील गाना बजाने वालों पर होगा एक्शन
इसे अभियान चलाकर पूरी तरह से समाप्त किया जाए। साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए नियमानुसार त्वरित कार्रवाई हो। यह निर्देशित पत्र पांच दिन पहले सात मार्च को जारी किया गया। सभी थानों में इस पर पहल हुई और होली पर इस बार ऐसे गाने बजते नहीं दिख रहे हैं।
पहले ऐसे मनाई जाती होली
गांव के गली-मोहल्लों में होली की दस्तक देते ही चारों ओर भोजपुरी अश्लील गाने बजने शुरू हो जाते थे। वाहनों, टोटो, ऑटो , बस स्टैंड , चाय की दुकान और मोहल्लों में खूब भोजपुरी अश्लील दो अर्थी गाने बजते थे। होली बगैर भोजपुरी गानों के पूर्ण ही नहीं होती थी।
इस बार सरकार का निर्देश आते ही अचानक स्थिति में बदलाव देखने को मिला है। शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस के डर से डीजे पर अश्लील गाने नहीं बजाए गए। इसकी वजह से शांतिपूर्ण तरीके से होली का त्योहार मनाया गया।
महिलाओं को मिला सुरक्षित माहौल
डीजे पर अश्लील गाने नहीं बजने से इस बार प्रदेश की महिलाओं को भी सुरक्षित माहौल में त्योहार मनाने का मौका मिला। वे बिना किसी डर के घर से बाहर निकलकर होली का त्योहार मना पाईं।
भोजपुरी अश्लील गाना नहीं बजाने के लिए अभियान चलाकर हिदायत दी जा रही है, उसका असर दिख रहा है। नहीं मानने पर मामला दर्ज कर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सूबेदार पासवान, थानेदार सबौर
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