Move to Jagran APP

रॉबिनहुड आनंद मोहन हो सकते हैं आजाद, नई सरकार से RJD विधायक की उम्मीदें बढ़ी

बिहार में जदयू राजद और कांग्रेस की संयुक्‍त सरकार बनने वाली है। राजद सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए राजद के ही ज्‍यादातर मंत्री होंगे। जदयू नेता नीतीश कुमार के नेतृत्‍व वाली इस सरकार में राजद का काफी महत्‍व रहने वाला है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2022 12:41 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2022 12:41 PM (IST)
रॉबिनहुड आनंद मोहन हो सकते हैं आजाद, नई सरकार से RJD विधायक की उम्मीदें बढ़ी
पूर्व सांसद आनंद मोहन को राजद से उम्‍मीद है।

ऑनलाइन डेस्क, भागलपुर। बिहार की सियासत में बड़ा तख्ता पलट हुआ है। कल तक जो पराए थे, आज वे अपने हो गए हैं। ऐसे में शिवहर सीट से आरजेडी विधायक चेतन मोहन की अब अपने पिता आनंद मोहन की आजादी की उम्मीदें बढ़ जरूर गई होंगी। पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद और पुत्र चेतन लंबे समय से नीतीश कुमार से सहरसा जेल में बंद उनकी रिहाई की मांग करती रहीं हैं।

loksabha election banner

इसी साल लवली आनंद और चेतन आनंद ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सिंह गर्जना आंदोलन के लिए हुंकार लगाई थी। ये आंदोलन पहले पटना में होने वाला था, फिर सहरसा में लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से आनंद मोहन की रिहाई की आवाज बुलंद नहीं हो सकी।

आईएएस हत्याकांड के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन

आनंद मोहन सहरसा जिले के पचगछिया गांव के निवासी हैं। उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे। जेपी आंदोलन से आनंद मोहन ने राजनीति में एंट्री की थी। 17 साल की उम्र से आनंद मोहन राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो गए। 1990 में माहिषी विधानसभा सीट से जनता दल की टिकट पर उन्‍होंने जीत दर्ज की। 1993 में बिहार पीपुल्स पार्टी बनाई। समता पार्टी से मिलकर चुनाव लड़ा। 1995 में वे दिग्‍गज नेता बन गए। 1998 में आनंद मोहन शिवहर से सांसद बने। उन्‍होंने आरजेडी को समर्थन दिया। 1999 में बीजेपी का उन्‍होंने साथ दिया।

IAS अधिकारी की मौत का मामला

5 दिसंबर 1994 को एक बड़ी घटना घटी। गोपालगंज में एक आईएएस अधिकारी की हत्या के मामले में आनंद मोहन पर कार्रवाई हुई। आईएएस जी कृष्णइया की हत्या कर दी। आनंद मोहन पर आरोप लगाया कि उन्‍होंने ही भीड़ को भड़काया था। इसके बाद लोगों ने आइएएस को जमकर पीट दिया और गोली मार दी। 2007 में पटना हाइकोर्ट ने आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई। 2008 में उनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।

यह भी पढ़ें - बिहार के राबिनहुड सांसद रहे आनंद मोहन बाइज्जत बरी, बोले- अंधेरा कितना भी घना हो, रोक नहीं सकता सूरज की रोशनी

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.