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    Bihar Aadhaar Card: फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से बना दिया आधार कार्ड, 24 केंद्रों पर ताला; कार्रवाई से हड़कंप

    Updated: Thu, 14 Nov 2024 02:26 PM (IST)

    भागलपुर में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर बच्चों के आधार कार्ड बनाने वाले 24 स्कूलों के आधार केंद्रों को बंद कर दिया गया है। यूआईडीएआई ने इस मामले में संलिप्त आधार ऑपरेटरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। तीन ऑपरेटरों पर 1.32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस घोटाले में अभिभावकों से पांच-पांच हजार रुपये लेकर खास साफ्टवेयर से जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया जाता था।

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    फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से बना दिया आधार कार्ड, 24 केंद्र पर लगा ताला

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर बच्चों का आधार कार्ड बनाने वाले स्कूलों के 24 आधार केंद्रों पर ताला लगा दिया गया है। फर्जीवाड़े में संलिप्त आधार ऑपरेटरों पर यूआईडीएआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जगदीशपुर, पीरपैंती और सैदपुर में आधार केंद्र चलाने वाले तीन ऑपरेटरों पर 1.32 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

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    मामाल तूल पकड़ने के बाद ऑपरेटरों ने भी माना कि कुछ शातिरों की वजह से पूरा सिस्टम बर्बाद हो गया। अभिभावकों से पांच-पांच हजार रुपये लेकर खास सॉफ्टवेयर से जन्म प्रमाणपत्र तैयार किया जाता था। यूआईडीएआई की मॉनिटरिंग में राज्य में पहले चरण में 87 स्कूलों की आइडी ब्लैकलिस्टेड की गई थी। इस बार इसकी संख्या 90 प्रतिशत तक होने की उम्मीद है।

    ऑपरेटरों ने की मोटी उगाही

    फर्जीवाड़े में संलिप्त आपरेटरों ने जरूरतमंद अभिभावकों से मोटी उगाही की। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की मॉनिटरिंग में मामला पकड़ में आया। जिस आधार केंद्र से जितने गलत कागजात पर आधार कार्ड जारी हुए होंगे। उस हिसाब से प्रति आधार 1000 रुपये का जुर्माना लिया जाएगा।

    जिला शिक्षा विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि आधार बनाने में जालसाजी की बात सामने आने पर 2 लाख तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल भी हो सकती है। सुरक्षा एजेंसी भी कार्रवाई कर सकती है। जानकारी के मुताबिक अब तक राज्य भर के स्कूलों में चल रहे 90 प्रतिशत आधार केंद्रों को या तो ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है या उसे इन एक्टिव मोड में डाल दिया गया है।

    कुछ ऑपरेटरों की वजह से बंद हो गए आधार केंद्र

    नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ आपरेटरों ने बताया कि अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र की जरूरत थी। कुछ लोग 5000 रुपये लेकर अलग साफ्टवेयर के माध्यम से जन्म प्रमाण पत्र इशू करते थे। फिर उसी के आधार पर आधार कार्ड बनाते थे। बड़ी बात यह कि जन्म प्रमाण पत्र देखने में एकदम आरिजिनल लगते थे। यहां तक कि क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद भी सारी जानकारियां एक समान होती थीं। सिर्फ सीरियल नंबर अलग रहता था। अगर इसकी सही तरीके से जांच की जाए तो कई बच्चों के आधार कार्ड के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी मिल सकते हैं।

    कार्रवाई के डर से जमा कर रहे लैपटॉप और मशीन

    आधार कार्ड केंद्रों के ब्लैकलिस्टेड होने के बाद ऑपरेटरों में खलबली मच गई है। डर से कई ऑपरेटरों ने अपना लैपटॉप और आधार कार्ड बायोमीट्रिक मशीन प्रधानाध्यापक के पास जमा करा दिया है। जानकारी के मुताबिक, मध्य विद्यालय कजरैली के ऑपरेटर ने बुधवार को अपना सारा सामान प्रधानाध्यापक को जमा कर दिया और इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दी है।

    इन ऑपरेटरों पर लगा जुर्माना

    • जगदीशपुर प्रखंड स्थित लोकनाथ उच्च विद्यालय में चल रहे आधार सेंटर के ऑपरेटर ओम कुमार पर गलत दस्तावेज के माध्यम से आधार कार्ड बनाने के कारण 32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
    • तारीख अनवर पीरपैंती प्रखंड के हाई स्कूल पीरपैंती में आधार कार्ड बनाने का काम कर रहे थे। यूआईडीएआई ने उनके सेंटर को ब्लैकलिस्टेड कर उनपर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
    • गोपालपुर प्रखंड स्थित हाई स्कूल सैदपुर में चल रहे आधार केंद्र के ऑपरेटर मुकेश मंडल पर यूआईडीएआई ने 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

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