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    कुरकुरे और मैगी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक : डॉ. मनोज

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 26 Feb 2018 02:50 AM (IST)

    ब'चों को कुरकुरे, मैगी, चिप्स, हाजमोला खाने की लत न लगाएं। इससे लीवर खराब होता है। गैस्टिक की समस्या होने लगती है। मां का दूध ब'चों के लिए सर्वोत्तम आहार है। इससे प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।

    कुरकुरे और मैगी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक : डॉ. मनोज

    बच्चों को कुरकुरे, मैगी, चिप्स, हाजमोला खाने की लत न लगाएं। इससे लीवर खराब होता है। गैस्टिक की समस्या होने लगती है। मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार है। इससे प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। कम से कम छह माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाना चाहिए। इसमें सारे पौष्टिक तत्व विद्यमान हैं जो बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है। गाय का दूध पचने में परेशानी होती है। इससे बच्चे को गैस होने की संभावना रहती है। गाय के दूध में कार्बोहाइड्रेट होता है जो बच्चों को नुकसान पहुंचाता है। नवजात को दूध पिलाने के बाद उसे पीठ पर रखकर थपकी देनी चाहिए। ताकि डकार निकले। इससे शिशु उल्टी नहीं करता है। जब बच्चा अन्न खाने लगे तो उसे थोड़ा-थोड़ा बिना छिलका हटाए फल भी खिलाना चाहिए, जूस नहीं। इससे कब्ज नहीं रहता है। बदलते मौसम में बच्चे को एलर्जी होने की संभावना ज्यादा होती है। इससे बचने के लिए यह आवश्यक है कि जब भी बच्चे बाहर से घर आएं, उसके हाथ की अच्छी तरह से सफाई कराएं।

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    उक्त बातें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिंघानियां ने कहीं। वे रविवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में आए हुए थे। पाठकों ने उनसे सवाल किए, जिसका उन्होंने विस्तार से जवाब दिया। पेश है मुख्य अंश :-

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    प्रश्न : डेढ़ वर्ष का बच्चा है। कड़ा शौच होता है। खून भी गिरता है। दवा देने पर शौच पतला होने लगता है। पर जैसे ही दवा का प्रभाव समाप्त होता है पुरानी स्थिति हो जाती है।

    - विशाल कुमार, नवगछिया

    उत्तर : बच्चे को प्रतिदिन डेढ़ लीटर पानी पिलाएं। पानी में चीनी मिलाकर देंगे तो बच्चा आसानी से पिएगा। धीरे-धीरे आदत लगाने से कब्ज नहीं रहेगा और शौच भी पतला होगा। चोकर सहित आटा से बनी रोटी खिलाएं। दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी।

    प्रश्न : छह माह का बच्चा है। दूध पिलाते समय नाक से भी दूध गिरने लगता है।

    - नीतू झा, भ्रमरपुर

    उत्तर : दूध पिलाने के बाद बच्चे को अपनी पीठ पर रखकर उसकी पीठ थपथपाएं, डकार होने के बाद सुलाएं। नाक से दूध नहीं निकलेगा।

    प्रश्न : दो वर्ष का बच्चा है। सर्दी-खांसी और बुखार है। चमकी भी होती है।

    - गोपाल, नवगछिया

    उत्तर : छह माह से लेकर दो वर्ष तक के बच्चे को उस समय चमकी होती है जब उसे तेज बुखार होता है। तेज बुखार नहीं होने दें। दो वर्ष बाद तेज बुखार होने पर भी चमकी नहीं होगी।

    प्रश्न : तीन माह का बच्चा है। उसका हाइड्रोसिल बढ़ा हुआ है।

    - जीवन कुमार, मकंदपुर

    उत्तर : कुछ बच्चों के हाइड्रोसिल बड़े होते हैं लेकिन बाद में ठीक हो जाते हैं। सर्जन से दिखा लें। दवा से ठीक नहीं होगा, ऑपरेशन ही उपाय है।

    प्रश्न : 12 वर्ष का लड़का है। उसे बुखार और खांसी है। शाम को बुखार आ जाता है।

    - मनोज कुमार, पीरपैंती

    उत्तर : वायरल बुखार होगा। दवा दें। एक-दो दिनों में ठीक हो जाएगा।

    प्रश्न : बच्चे को गाय या भैंस का दूध पिलाना चाहिए या नहीं।

    - अशोक सिंह, भीखनपुर

    उत्तर : बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। इससे बच्चों में रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। भैंस का दूध तो कभी नहीं पिलाना चाहिए।

    प्रश्न : पांच माह का बच्चा है। एक सप्ताह से खांसी है।

    - राहुल सिंह, रानी तालाब

    उत्तर : चिकित्सक से दिखा लें हो सकता है वायरल इंफेक्शन हो। मौसम बदलने के कारण भी खांसी हो सकता है।

    प्रश्न : दो वर्ष की बच्ची है। शरीर पर लाल दाने निकल गए हैं।

    - मुस्कान पोद्दार, बिहपुर

    उत्तर : तेल या ऊनी कपड़े पहनाने से एलर्जी हो सकती है। चिकित्सक को दिखा लें।

    प्रश्न : ढ़ाई वर्ष का बच्चा है। जिस स्थान पर बच्चा पेशाब करता है वहां चीटियां लग जाती हैं।

    - मनोज कुमार, अकबरनगर

    उत्तर : पेशाब की जांच करवा लें। वैसे चीटियां ठंड में रहना चाहती हैं अत: पेशाब के स्थान के पास चली जाती हैं। अगर बच्चा खेल रहा है, खा रहा है तो चिंता की कोई बात नहीं है।

    प्रश्न : डेढ़ वर्ष का बच्चा है। अभी दांत नहीं निकल रहा है। शरीर भी गर्म रहता है। क्या वजह है।

    - उमा, बिहपुर

    उत्तर : गर्मी के दिनों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। एक्टोडर्मल डिस्प्लासिया बीमारी होने पर पसीना नहीं निकलता। बाल भी कम रहते हैं। चिकित्सक से बच्चे को दिखा दें।

    प्रश्न : 12 माह का बच्चा है। उसके ललाट पर फुंसी हो गई है।

    शारदा प्रसाद मंडल, भागलपुर

    उत्तर : गर्मी में फुंसी निकलती है। सफाई पर ध्यान दें। पसीना और गंदगी की वजह से फुंसी निकलती है। एंटीबायोटिक मलहम लगाएं।

    प्रश्न : 12 माह की बैटी है। दोनों कान के समीप गिल्टी निकली हुई है।

    किशोर, शिवनारायणपुर

    उत्तर : फुंसी होने पर गिल्टी निकल जाती है। चिंता करने की कोई बात नहीं है।

    प्रश्न : एक माह का बच्चा है। उल्टी करने से नाक से भी दूध निकल जाता है।

    रानी, भागलपुर

    उत्तर : जब भी बच्चे को दूध पिलाएं उसे कंधे पर लेकर उसकी पीठ थपथपाएं। डकार होने के बाद ही बिस्तर पर सुलाएं। इससे उल्टी नहीं होगी।

    प्रश्न : डेढ़ वर्ष की बच्ची है। उसे खांसी हो गई है।

    सचिन, मिरजानहाट

    उत्तर : ठंड लगने से खांसी हुई है। सेट्रीजिन 240 एमएल सीरप सुबह और रात को पिलाएं। एम्ब्राडिल एएस सुबह, दोपहर और रात को पिलाएं।

    प्रश्न : डेढ़ वर्ष का बेटा है। हर 10 मिनट पर पेशाब करता है।

    - पंकज, लोदीपुर

    उत्तर : पेशाब की जांच करवा लें। हो सकता है उसे डायबिटीज हो। अगर जांच में कुछ नहीं निकलता है तो बढ़ती उम्र के साथ ठीक हो जाएगा।

    प्रश्न : छह माह का बच्चा है, उसे खांसी हो गई है। कान भी खुजलाते रहता है।

    - राकेश, अकबरनगर

    उत्तर : अस्पताल में कान की जांच करवा लें। एलर्जी की वजह से खांसी हुई है। उसे नेबुलाइजर का भाप दिलवा दें।

    प्रश्न : बेटा पांच वर्ष का है। सुबह कमर में दर्द रहता है। मालिश करने पर ठीक हो जाता है।

    - संजय, सबौर

    उत्तर : रीढ़ की हड्डी की एक्सरे करवा लें। विटामिन डी की कमी, हड्डी में टीबी होने अथवा जोड़ों की बीमारी होने पर दर्द होता है।

    प्रश्न : तीन माह की बेटी है। रोती बहुत है। तीन-चार घंटे ही सोती है।

    - संतोष, सुल्तानगंज

    उत्तर : सर्दी-खांसी होने से नाक बंद हो जाता है। इससे बच्ची सो नहीं पाती और रोती है। रोने की वजह भूख लगना या कब्ज भी हो सकता है। बच्ची को दूध पिलाने के बाद उसे पीठ पर लेकर उसकी पीठ को उपर से नीचे की तरफ सहलाएं। इससे गैस निकल जाएगा।

    प्रश्न : चार वर्ष का बेटा है। हमेशा खांसता- छींकता रहता है।

    - अखिलेश, सुल्तानगंज

    उत्तर : एलर्जी की वजह से ऐसा हो रहा है। अस्पताल में इलाज करवा लें।

    प्रश्न : आठ माह का बच्चा है। कुछ भी खाने के बाद शौच कर देता है। मां और गाय का दूध पीता है।

    - रोजी, बिहपुर

    उत्तर : बच्चे को एक वर्ष के बाद ही गाय का दूध पिलाएं। क्योंकि गाय का दूध पचने में परेशानी होती है और गैस होने से शौच होने लगता है। मां का दूध बच्चों के लिए सर्वोत्तम आहार है।