ब्राउन शुगर का बाजार बनते जा रहा भागलपुर, जिले के हर कोने में फैला कारोबार
भागलपुर जिसे सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है ब्राउन शुगर के कारोबार का केंद्र बनता जा रहा है। शराबबंदी के बाद युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो रही है। पुलिस द्वारा ठोस योजना न बनाने के कारण कारोबार बढ़ता जा रहा है। पुलिस का कहना है कि वह लगातार छापेमारी कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है।

रंजीत, भागलपुर। राज्य की उप राजधानी के नाम से शुमार सिल्क सिटी भागलपुर इन दिनों ब्राउन शुगर की चपेट में आ गया है और अब यह धीरे-धीरे इस कारोबार का हब बनता जा रहा है। जिले का कोई भी ऐसा थाना नहीं जहां इसके कारोबार से युवा जुड़े हुए नहीं हैं।
शराबबंदी के बाद से जिले में किशोर से लेकर युवा तक इस सुखे नशा के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं। कई युवाओं को इस नशे की इस कदर लत लगी हुई है कि अगर उसे यह उपलब्ध न हो तो बेबस होकर मर जाने की स्थिति में आ जाते हैं।
कुछ ऐसा ही वाक्या जिले के एक थाने के हाजत में बंद ब्राउन शुगर की लत से पीड़ित युवा में देखने को मिला। पुलिस की माने तो थाने की हाजत में बंद युवा नशा न कर पाने के अभाव में इस कदर व्यवहार रहा था जैसे लग रहा था कि अब उसकी जान चली जाएगी। इस विषम परिस्थितियों में जब उसे जब्त किया गया ब्राउन शुगर सुंघाया गया तो उसकी स्थिति में सुधार होती दिखी।
भागलपुर में इसके बढ़ते कारोबार और बुरी लत से हजारों किशोर और युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। जिले के बुद्धिजीवियों की माने तो यहां का कई थाना क्षेत्र इस नशे का हब बन गया है। पिछले दिनों नवगछिया अनुमंडल के बिहपुर थाने की पुलिस ने करीब 2 किलो ब्राउन शुगर जब्त किया है।
लोगों की माने तो नाथनगर प्रखंड के कई इलाके में ब्राउन शुगर मिलने का हॉट स्पॉट है। शहरी इलाके के विश्व विद्यालय थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक के बारे में स्थानीय लोग बताते हैं कि वह मैट्रिक से लेकर इंटर तक पढ़ने में काफी तेज था 80-90% अंक लता था। लगता था कि वह भविष्य में काफी बेहतर करेगा। लेकिन ब्राउन शुगर जैसे सुखे ड्रग की लत ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी।
जानकारी के अनुसार घर के इस इकलौते संतान को ड्रग की बुरी लत से निजात दिलाने के लिए परिवार वालों ने कई बार नशा मुक्ति केंद्र में भी भर्ती कराया। पर वह घर लौटते ही दोबारा ड्रग पेडलर के संपर्क में आकर नशा करने लगता।
इसी तरह एक युवा ने अपनी जिंदगी को सही ढंग से चलाने के लिए घरेलू सामानों का एक दुकान खोला। कुछ ही दिनों में कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली। परिवार के लोगों ने सोचा अब घर की आर्थिक उन्नति हो जाएगी। पर रुपया कमाने के साथ ही वह ब्राउन शुगर जैसे सूखे नशे की बुरी लत में पड़ गया और देखते ही देखते उसकी जिंदगी बर्बाद होने लगी कारोबार भी चौपट हो गया। परिवार के लोगों की सुख चैन छिन गई।
यह एक-दो तो महज एक उदाहरण है, जिले में सैकड़ो ऐसे युवा है जो इसकी बुरी लत में फंसकर अपनी जिंदगी को नरक बना रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर इस कारोबार को बंद करने की कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है।
स्थानीय थाने की पुलिस खानापूर्ति करने के लिए छापामारी कर कुछ कारोबारी एवं इसके नशेड़ियों को गिरफ्तार कर जेल भेज देने की महज औपचारिकता निभा रहे हैं। लेकिन मुख्य कारोबारी को पुलिस आज तक नहीं पकड़ पाई है, यही कारण है कि धीरे-धीरे यह जिला ब्राउन शुगर का हब बनता जा रहा है और किशोर से लेकर युवाओं तक की जिंदगी बर्बाद होती जा रही है।
कहा तो यह भी जा रहा है कि इस धंधे से जुड़े लोग चेन बनाकर युवाओं तक ब्राउन शुगर को पहुंचा रहे हैं। जिसके ओवर डोज से युवाओं की जिंदगी बिगड़ती चली जा रही है। अब तो स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होता चला जा रहा है। इस नशे के चक्कर में कई परिवार के चिराग बुझ गए हैं।
जल्द अमीर बनने के चक्कर में जिले के युवा तेजी से इस कारोबार में जुड़ रहे हैं। लोगों की माने तो कुछ महिलाएं भी इस कारोबार में अपनी भूमिका निभा रही है। यह कारोबार जिले के कोने-कोने में अपना पांव पसारता जा रहा है। ऐसे सुखे नशे के बढ़ते कारोबार पर शिकंजा कसना शासन प्रशासन और संवेदनशील लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
क्या कहते हैं थानेदार
नाथनगर इंस्पेक्टर राजीव रंजन सिंह ने बताया कि एक साल के अंतराल में लगभग आधा दर्जन ब्राउन शुगर से संबंधित केस दर्ज किए गए हैं।इसके रोकथाम के लिए ग्रामीणों के साथ अभिभावकों को भी सजग किया जा रहा है।ताकि अगर कोई भी इस तरह के धंधे में लिप्त है तो गुप्त रूप से उसकी जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराएं।
मधुसूदनपुर थाना अध्यक्ष सफदर अली ने बताया कि एक साल के अंतराल में एक ब्राउन शुगर और तीन एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किए गए हैं।इसके पहले भी केस दर्ज हुए हैं।इन सब चीजों पर रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दस लोगों की टुकड़ियां बनाकर पुलिस के द्वारा सजग किया जा रहा है।उन लोगों से अपने बच्चों पर भी पैनी नजर रखने को कहा जा रहा है।
कजरैली थाना अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि एक साल में ब्राउन शुगर से संबंधित तीन केस दर्ज किए गए हैं। रोकथाम के लिए लगातार चाय व चौक चौराहों पर स्थित दुकानों में सघन छापेमारी की जा रही है।
ललमटिया थाना के पूर्व थानाध्यक्ष राजीव रंजन ने बताया एक डेढ़ साल के अंतराल में लगभग एक दर्जन ब्राउन शुगर से संबंधित केस दर्ज किए गए थे।
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