बिहार के बाहर काम करने वाले मजदूरों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला
बिहार राज्य से बाहर अन्य राज्यों जैसे यूपी दिल्ली हरियाणा पंजाब में कार्य करने वाले मजदूरों का श्रम संसाधन विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। श्रम संसाधन विभाग द्वारा प्रवासी कामगार एप पर मजदूरों का पंजीयन कराया जा रहा है जो पूरी तरह निशुल्क है। इसके माध्यम से श्रमिकों को उचित लाभ सुरक्षा और न्याय प्रदान किया जा सकेगा।
संसू, पीरपैंती। बिहार से बाहर अन्य राज्यों में कार्य करने वाले श्रमिकों का निबंधन (रजिस्ट्रेशन) श्रम संसाधन विभाग करेगा। पीरपैंती के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ब्रजमोहन तांती ने बताया कि वे सभी श्रमिक जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में रहते हैं उनका प्रवासी कामगार एप पर पंजीयन कराया जा रहा है।
इन प्रदेशों में काम करने वाले श्रमिकों का हो रहा पंजीयन
बिहार से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान , आंध्रप्रदेश, केरल ,कनार्टक या फिर अन्य राज्यों में कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले श्रमिकों का प्रवासी कामगार एप पर पंजीयन कराया जा रहा है, ताकि सरकार के पास प्रवासी मजदूरों से संबंधित उचित आंकड़े उपलब्ध हों।
इन आंकड़ों की मदद से श्रम विभाग ऐसे श्रमिकों को उचित लाभ ,सुरक्षा और न्याय प्रदान कर सकेगी। निबंधन प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है।
बेतिया : भूमि निबंधन में राजस्व चोरी के 115 मामलों का पर्दाफाश
निबंधन में भूमि के न्यूनतम मूल्य दर (एमवीआर) को छिपाकर फर्जी तरीके के भूमि का निबंधन कराने का बड़ा मामला सामने आया है। इसमें क्रेताओं के द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर सरकारी राजस्व का चूना लगाया गया है।
निबंधन के सत्यापन के दौरान इसका पर्दाफाश हुआ है। इसके बाद सभी संबंधितों को विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। केवल बेतिया अवर निबंधन कार्यालय से जुड़े 115 मामले हैं, जिसमें भूमि निबंधन के दौरान 2 करोड़ 92 लाख की राजस्व चोरी पकड़ी गई है।
जिला अवर निबंधन पदाधिकारी गिरिश चंद्र ने बताया कि सभी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सहायक महानिबंधक के पास रिपोर्ट भेजा गया है। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में बेतिया अवर निबंधन कार्यालय से जुड़े 29 लोगों के विरुद्ध राशि वसूली की बात शामिल है। जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 86 मामलों शामिल हैं। सभी को सहायक महानिबंधक के पास कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
गिरिश चंद्र, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी
जिला अवर निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि भूमि वास्तविक एमवीआर के स्थलीय सत्यापन के दौरान इसका खुलासा हुआ है। इस तरह और मामलों के सामने आने की संभावना है, जिसकी जांच की जा रही है।
पूर्व में सरकारी राजस्व का चबना लगाने वाले 300 लोगों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दाखिल किया गया है। इससे पहले भी सरकारी राजस्व की चोरी के मामले सामने आ चुके हैं।
इसमें कार्रवाई की विभागीय प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक 300 से अधिक मामलो में नीलाम पत्र वाद दायर किए गए हैं। इन मामलों में 4.5 करोड़ रुपये राशि की वसूल की जानी है।
शिकारपुर में पकड़े गए 42 मामले
वास्तवित एमवीआर छिपाने के और भी मामले सामने आ रहे हैं। इसमें नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। हाल में शिकापुर अवर निबंधन कार्यालय से जुड़े भूमि निबंधन भी अनियमितता सामने आई है।
यहां 42 भूमि निबंधन ऐसे हुए हैं, जिसमें 39.18 लाख की राजस्व चोरी की गई है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए सहायक महानिबंधक को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
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