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    परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने पूछा- DL बनाने में इतनी देरी क्यों, बिना पंजीयन के वाहन कैसे शो रूम से बाहर निकल जाता है?

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 08:01 PM (IST)

    परिवहन विभाग ने लंबित ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने अधिकारियों को तय समय-सीमा में इन मा ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहन पंजीयन से जुड़े लंबित मामलों को लेकर परिवहन विभाग अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने साफ शब्दों में कहा है कि लंबित मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए मंत्री ने अधिकारियों को तय समय-सीमा में लंबित मामलों के निष्पादन का निर्देश दिया है।

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    मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर की समीक्षा

    इसी कड़ी में सोमवार को शाम चार बजे परिवहन विभाग की वीडियो कान्फ्रेंसिंग आयोजित की गई। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में लंबित मामलों की स्थिति की समीक्षा की गई और यह भी पूछा गया कि परिवहन मंत्री के निर्देशों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है। सभी जिलों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में ई-रिक्शा के पंजीयन और संचालन को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। कई जिलों ने ई-रिक्शा पर प्रभावी कार्रवाई के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग की। अधिकारियों का कहना था कि निर्देश मिलते ही सड़कों पर नियमों की अनदेखी कर दौड़ रहे ई-रिक्शा के खिलाफ सघन अभियान चलाया जाएगा।

    बिना नंबर प्लेट के वाहन पर सख्ती

    शोरूम से बिना नंबर प्लेट के निकलने वाले वाहनों पर भी परिवहन सचिव ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे शोरूम संचालकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। एक अधिकारी ने बताया कि ई-रिक्शा के पंजीयन में सबसे बड़ी बाधा बीमा प्रमाण पत्र को लेकर सामने आ रही है। एक साल से अधिक पुराने मामलों में बीमा नहीं हो पा रहा है, वहीं कई शोरूम बंद हो जाने के कारण भी वाहनों का पंजीयन अटका हुआ है।

    जल्द कराएं बीमा


    परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन ई-रिक्शा का न तो बीमा है और न ही पंजीयन कराया गया है, उन पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग का उद्देश्य न सिर्फ लंबित मामलों को खत्म करना है, बल्कि सड़कों पर सुरक्षित और नियमों के अनुरूप वाहनों का संचालन सुनिश्चित करना भी है।