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    Bihar: थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, हंगामा से लगता है... मास्टर ने झिड़की दी तो बच्चे ने बुला लाए मां-बाप और Police

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 01:28 AM (IST)

    Bhagalpur News दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र को थप्पड़ जड़ना प्रधानाचार्य को भारी पड़ गया। छात्र के माता-पिता ने स्कूल पहुंचकर हंगामा कर मजमा लगा दिया। डायल 112 की पुलिस भी बुला ली। मामला भागलपुर के बरारी स्थित राय हरिमोहन ठाकुर उच्च विद्यालय का है जहां गुरुवार को यह छात्र डमी एडमिट कार्ड पर हस्ताक्षर के लिए पहुंचा था।

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    Bhagalpur News: भागलपुर में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र को थप्पड़ जड़ना प्रधानाचार्य को भारी पड़ गया।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News छात्रों को समझाने के लिए थप्पड़ चलाना गुरु जी को महंगा पड़ गया। बच्चों के माता-पिता ने स्कूल पहुंचकर पहले तो हंगामा किया, इसके बाद डायल 112 की पुलिस टीम को भी बुला लिया। मामला बरारी स्थित राय हरिमोहन ठाकुर उच्च विद्यालय का है। गुरुवार को कक्षा दसवीं का एक छात्र अपने एक दोस्त को लेकर डमी एडमिट कार्ड पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानाध्यापक गणेश चौधरी के कार्यालय कक्ष में पहुंचा था। इस दौरान प्रधानाध्यापक गणेश चौधरी ने कहा कि पहले वर्ग शिक्षक का हस्ताक्षर करवा कर लो उसके बाद मैं कर दूंगा।

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    जानकारी के मुताबिक इसी दौरान बच्चों द्वारा प्रधानाध्यापक को कहा गया कि नहीं अभी कीजिए हम बार-बार नहीं आएंगे। जिससे परेशान होकर प्रधानाध्यापक गणेश चौधरी ने छात्र पर थप्पड़ चला दिया। जिसके बाद छात्र अपने घर बरारी स्थित रिफ्यूजी कालोनी पहुंचकर अपने पारिजनों को बुला ले आया। बच्चों के माता-पिता ने स्कूल पहुंचकर पहले तो स्कूल के प्रधानाध्यापक को जमकर खरी खोटी सुनाई। साथ ही डायल 112 को सूचना दे दी।

    दरअसल बच्चे के माता-पिता का कहना था कि जहां पर प्रधानाध्यापक ने मारा, बीते दिनों ही उसका इलाज किया गया था। उसके दांत में चोट थी और उसमें घाव भी हो गया था। प्रधानाध्यापक ने वहां पर उसे क्यों मारा। इसकी सूचना मिलते ही प्रबंध समिति के सदस्य भी स्कूल पहुंचे, जिसने बच्चों के माता-पिता को समझाने की कोशिश की लेकिन अभिभावक समझने के लिए तैयार नहीं थे।

    उसके बाद मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने भी बच्चों के माता-पिता को समझाया, लेकिन दोनों अपनी जिद पर अड़े रहे। इसके बाद प्रबंधन समिति ने जब यह कहा कि बच्चों को मेडिकल देकर सिर्फ अब परीक्षा में बुलाएं, जिसके बाद परिजन शांत हो गए। फिर डायल 112 की टीम ने उन्हें समझाते हुए स्कूल परिसर से बाहर करते हुए घर भेजा।

    इस बाबत स्कूल के प्रधानाध्यापक गणेश चौधरी ने बताया कि विद्यार्थी को समझाने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन वह समझने को तैयार नहीं था। इसके कारण कि मैंने थप्पड़ चलाया था। मुझे पता नहीं था कि उसके चेहरे पर पहले से जख्म है। वहीं उन्होंने बताया कि स्कूल में आए दिन छोटी-छोटी बातों पर कुछ भी बोलने पर बच्चे अपने अभिभावकों को स्कूल बुला लेते हैं। मुख्य द्वार बंद होने पर बच्चे बाहर से गाली गलौज करते हैं। इस विषय में जल्द ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा जाएगा।

    बाढ़ से प्रभावित स्कूलों को करेंगे टैग

    शिक्षा विभाग ने 15 अगस्त तक जिले के सभी स्कूलों में इलेक्ट्रिक वायरिंग, स्कूलों में बल्ब, रंग और रोगन सहित अन्य कार्यों को करने का निर्देश दिया है। इसके लिए स्कूलों को 50000 की राशि भी प्रदान की गई है। इस कार्य की मानिटरिंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्यालय कक्षा में गुरुवार को जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ बैठक की। 15 अगस्त तक जिले के स्कूलों में होने वाले रिनोवेशन कार्य की मानिटरिंग करने का निर्देश दिया है।

    उन्होंने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि स्कूल का निरीक्षण कर स्कूल में कार्य हो रहे हैं या नहीं, उसकी जांच करें। जिन स्कूलों में कार्य हुआ है उसके बिल लेना सुनिश्चित करें। इसके अलावा हेडमास्टर और हेड टीचर की पदस्थापन की प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही साथ शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार स्थानांतरण प्रतिनियुक्ति का जो निर्देश आया है उसको लेकर भी तैयारी सुनिश्चित करने को कहा है।

    जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि बैठक में निर्देश दिया गया है कि जिले में लगातार बढ़ का पानी विभिन्न इलाकों में प्रवेश कर रहा है। वहीं, बाढ़ प्रभावित स्कूलों के बच्चे सुरक्षित स्थान पर शिक्षा ग्रहण करें, इसकी समुचित व्यवस्था करवाएं। आपको बता दें कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित 60 स्कूल वर्तमान में बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि इनमें से कितने विद्यालयों को टैग किया गया है, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है।