जागरण संवाददाता, पूर्णिया। एक बार फिर ममता तार-तार हो गई। मां ने अपनी विवशता बता अपने नवजात पुत्र को पड़ोसी के हवाले कर दिया। इधर पड़ोसी ने आसपास के लोगों के सहयोग से पहले इसे 56 हजार में बेचा और फिर खरीदने वाले ने भी इसे डेढ़ लाख में बेच दिया।मंगलवार को यह सूचना चाइल्ड लाइन तक पहुंची और फिर पुलिस के कानों तक बात पहुंची। पुलिस की सक्रियता से नवजात को बरामद किया गया और फिलहाल नवजात दत्तक ग्रहण संस्थान में रखा गया है। यह मामला कसबा थाना क्षेत्र के बरेटा वार्ड नंबर आठ का है।

दरअसल चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर एक सूचक ने यह सूचना दी कि एक नवजात दो-दो बार बिक चुका है। चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक मयूरेश गौरव द्वारा इसकी सूचना उपकेंद्र कसबा के टीम लीडर जय कृष्णा को दी गई। टीम द्वारा बरेटा वार्ड नंबर आठ पहुंचकर मामले की जांच-पड़ताल की गई।। सूचना सही पाए जाने पर जिला समन्वयक मयूरेश गौरव द्वारा इसकी सूचना कसबा थानाध्यक्ष अमित कुमार को दी गई ।सूचना मिलते ही पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरु कर दी। पुलिस के दबाब पर गांव के ही सुफीद नदा द्वारा नवजात को थाना पहुंचाया गया।

जिला समन्वयक मयूरेश गौरव ने बताया कि गांव के सफीद नदा और ग्रामीणों द्वारा यह बताया गया कि नवजात के पिता चार माह पूर्व से लापता है। इधर एक माह पूर्व नवजात को जन्म हुआ। महिला ने नवजात को पालने में अपनी असमर्थता जताते हुए नवजात को सफीद नदा के सुपुर्द कर दिया। इधर सुफीद नदा ने आसपास के कुछ लोगों की सहमति से सहरसा निवासी किसी रिश्तेदार को 56 हजार में नवजात को बेच दिया।

बाद में उक्त व्यक्ति ने भी सहरसा में ही किसी तीसरे व्यक्ति को उस नवजात को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया। बाद में शिशु का मेडिकल चेकअप कराते हुए इसकी सूचना बाल कल्याण समिति सदस्य संतोष सिंह को दी गई। उनके आदेशानुसार तत्काल शिशु को दत्तक ग्रहण संस्थान में आश्रय दिया गया है। इस मौके पर चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक मयूरेश गौरव, रूबी रानी, कसबा उपकेंद्र के टीम लीडर जय कृष्णा, प्रतिमा देवी सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।

Edited By: Abhishek Kumar