Bhagalpur News: पश्चिम बंगाल के फर्जी दस्तावेज पर चल रहे बिहार में सैकड़ों सिम, साइबर शातिर-अपराधी कर रहे इस्तेमाल
Bhagalpur News भागलपुर में 17 अक्टूबर 2024 को पकड़े गए अंतरराज्यीय साइबर फ्राड गैंग के मास्टरमाइंड जिशान अली और उसके 10 सहयोगियों की गिरफ्तारी में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। जिशान और उसकी टीम ने फर्जी दस्तावेज से 38 मोबाइल सिम हासिल किए थे जिनका इस्तेमाल साइबर ठगी में किया जाता था। जांच में पता चला है कि जिशान के एजेंट देश के कई हिस्सों में सक्रिय हैं।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bhagalpur News: भागलपुर जिले में 17 अक्टूबर 2024 को उजागर हुए अंतरराज्यीय साइबर फ्राड गैंग का मास्टरमाइंड जिशान अली और उसके गैंग के दस सहयोगियों की गिरफ्तारी और बरामदगी में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। पाकिस्तानी साइबर शातिर से नाता रखने वाले जिशान और उसकी टीम के पास से बरामद 38 मोबाइलों में इस्तेमाल सिम फर्जी दस्तावेज से लिए गए थे। जिनमें अधिकांश के दस्तावेज पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना और आसनसोल में जिशान की टीम ने ही तैयार किया था।
जिशान और उसकी टीम उन्हीं जाली दस्तावेज से लिए गए सिम का इस्तेमाल साइबर ठगी में शिकार फांसने में करती थी। जिशान और उसकी टीम ने सूबे के कई हिस्सों में पश्चिम बंगाल में तैयार किये गए फर्जी दस्तावेज से सिम बांट रखे हैं।
राहुल गुप्ता के फर्जी नाम और दस्तावेज से साइबर गैंग चलाने वाले जिशान अली के साथ मुहम्मद छोटू, मुहम्मद महताब अली, आदित्य कुमार, निधि बाल्मीकि, विधि बाल्मीकि, प्रियंका कौर,निंदन कौर, कृतिका विश्वकर्मा और लक्ष्मी ठाकुर की गिरफ्तारी हुई थी।
जैसे-जैसे जांच की गति तेज हो रही है वैसे-वैसे दूसरे राज्यों में सक्रिय जिशान के एजेंटों की करतूतों के साक्ष्य सामने आ रहे हैं। जिशान ने देश के कई हिस्से में अपने एजेंट फैला रखे हैं। जिनकी बाकायदा टीम काम कर रही है। जिनके विरुद्ध संबंधित स्थानों की साइबर थाने की पुलिस कार्रवाई कर रही है।
जमुई-बांका-मुंगेर में जारी सिम का कई हार्डकोर नक्सली भी कर रहे इस्तेमाल
एसटीएफ की ताजा जांच में जमुई, मुंगेर, बांका, शेखपुरा, लखीसराय, कजरा में सक्रिय नक्सली संगठनों तक फर्जी दस्तावेज और फर्जी पते पर सिम निर्गत किये गए हैं। जांच में यह बात सामने आने के बाद एसटीएफ इस दिशा में संबंधित जिलों के एसपी को आवश्यक कार्रवाई करने को उससे जुड़ी जानकारियां भेज दी है।
पूर्णिया समेत सीमांचल में शराब तस्करी, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया, नवगछिया और बांका में सक्रिय हथियार और मादक पदार्थ तस्करी में लगे जरायम पेशेवर ऐसे सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं। जल्द ही मामले में संबंधित जिले में बड़ी कार्रवाई सामने आ सकती है।
वर्ष 2022 में फर्जी दस्तावेज पर जारी सिम मामले में पुलिस कर चुकी है बड़ी कार्रवाई
फर्जी दस्तावेज पर जारी सिम का इस्तेमाल जरायम दुनिया में गहरी पैठ जमाने वाले शातिर रंगदारी, हथियार-मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर ठगी में किये जाने का बड़ा मामला सूबे की एसटीएफ ने उजागर किया था। 29 अप्रैल 2022 को जरायम धंधे में इस्तेमाल होने वाले चार दर्जन से अधिक जारी सिम भागलपुर, जमुई, शेखपुरा, पटना, नवादा, गया नालंदा, पूर्णिया में बंद कराए गए थे। सारे सिम फर्जी दस्तावेज पर जारी किये गए थे। तकनीकी जांच बाद तत्कालीन एसएसपी बाबू राम के निर्देश पर हबीबपुर, तिलकामांझी, जोगसर, कोतवाली, बरारी और औद्योगिक थाने में केस दर्ज किया गया था।
हबीबपुर में दर्ज हुआ था पहला केस, इमरान जकी उर्फ बंटी बना था आरोपित
हबीबपुर थाने में जिले का पहला केस दर्ज किया गया था। फर्जी दस्तावेज से जारी मोबाइल नंबर 8271401533 के धारक, अज्ञात उपयोगकर्ता, यस डिजिटल स्टूडियो, चमेलीचक, हबीबपुर के मालिक मुहम्मद इमरान जकी उर्फ बंटी के विरुद्ध् धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर आरोप में केस दर्ज किया गया था। तब भागलपुर के आधा दर्जन थाना क्षेत्र से फर्जी पते पर ऐसे दर्जनों सिम जारी किये गए थे
जांच में हबीबपुर थाना क्षेत्र के जिस हबीब शाह मजार के पते पर रीना के नाम से सिम जारी किया गया था, जांच में वह फर्जी पाया गया। उस नाम-पते का पुलिस टीम को पता ही नहीं चला। उक्त् सिम को रिटेलर यस डिजिटल स्टूडियो के मुहम्मद इमरान जकी उर्फ बंटी और वितरक हर्ष डिस्ट्रीब्यूटर, भागलपुर, गुड़हट्टा चौक, मोजाहिदपुर ने निर्गत किया था। जांच के क्रम में पुलिस टीम ने यह पाया कि यस डिजिटल स्टूडियो ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी रूप से सिम बेचने का काम किया था।
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