अप्राकृतिक यौनाचार पर Bihar DGP के इस आदेश से मचा हड़कंप... छुपाए नहीं छुपा पुलिस का गंदा खेल, नीचे से ऊपर तक खलबली
Bihar Police News बिहार पुलिस की नेकनामी कम बदनामी के मामले लगातार उजागर होते रहते हैं। ताजा मामला अप्राकृतिक यौनाचार करने का है जिसे पुलिस वालों ने दबाने का पूरा प्रयास किया लेकिन बिहार डीजीपी के पास खबर पहुंचते ही पुलिस पदाधिकारियों की पोल खुल गई। अब इस मामले में आइजी विवेक कुमार को जांच का निर्देश दिया गया है।

कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar Police News भागलपुर की नवगछिया पुलिस ने अजब-गजब वाले खेल में बड़े-बड़े घाघ को भी पीछे छोड़ दिया है। पहले रंगरा थानाध्यक्ष रहे आशुतोष कुमार ने 20 जुलाई को गिरफ्तार मोटर पंप चोरी के चार आरोपितों में दो को बदल कर दूसरे को जेल भेजने का गुल खिला सनसनी मचा दी थी। अब नवगछिया टाउन थाना परिसर में रसाेई बनाने वाले युवक से अप्राकृतिक यौनाचार मामले में गजब का खेल खेला गया है।
थानाध्यक्ष ने अप्राकृतिक यौनाचार का मामला संज्ञान में आने के बाद भी लीपापोती कर दी। ऐसा इसलिए किया कि थाने के पुलिसकर्मियों के लिए भोजन बनाने वाले युवक से जिसने अप्राकृतिक यौनाचार किया वह उनके थाना का प्राइवेट चालक है। वह चालक अधिकांश समय थानाध्यक्ष के लिए गाड़ी चलाता है और उनके साथ साये की तरह रहता है।
जी हां यह सकते में डालने वाली घटना के पीड़ित युवक ने जब थानेदार रवि शंकर सिंह से थाने के प्राइवेट चालक बमबम दास की शिकायत कर जानकारी दी कि 16 जुलाई की रात उसके साथ प्राइवेट चालक बमबम दास ने अप्राकृतिक यौनाचार किया है। उक्त शिकायत पर थानेदार ने उसे यह कहकर चुप करा दिया कि अब ऐसे मामले में केस ही नहीं होता। कानून बदल गया है।
अप्राकृतिक यौनाचार के शिकार युवक ने एसडीपीओ ओम प्रकाश से शिकायत की लेकिन वहां भी उसे न्याय नहीं मिला। केस नहीं लिया गया। उसने एसपी से शिकायत की लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। इस बीच पीड़ित युवक पर 23 जुलाई को एससी-एसटी थाना में गाली-गलौज, मारपीट और रंगदारी का केस आरोपित चालक बमबम दास की तरफ से करा दिया गया। इधर कई पुलिस पदाधिकारियों की चौखट पर न्याय के लिए ठोकर खाने वाला पीड़ित डीजीपी विनय कुमार तक न्याय की गुहार लगाने पहुंच गया। जिस पर डीजीपी ने संज्ञान लेते हुए रेंज आइजी विवेक कुमार को मामले में गहन जांच का आदेश दिया।
डीजीपी विनय कुमार के निर्देश पर आइजी ने कार्रवाई करते हुए नवगछिया एसपी प्रेरणा कुमार के समक्ष पीड़ित युवक का न सिर्फ बयान दर्ज कराया बल्कि केस दर्ज कर मामले में पूरा तथ्य तलाशने को कहा है। आइजी ने कहा कि पीड़ित युवक की तरफ से लगाए गए आरोपों में जिनकी भूमिका सामने आएगी, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आइजी के निर्देश पर एससी-एसटी थाने में पीड़ित युवक पर दर्ज केस पर फिलहाल कार्रवाई रोक दी गई है। डीएसपी मुख्यालय मनोज सुमन ने एससी-एसटी थाने में दर्ज केस संख्या 26-25 की जांच में आरोप संबंधी तथ्य नहीं मिलने पर केस को सत्य नहीं किया। मामले में डीएसपी मुख्यालय ने मोबाइल टावर लोकेशन, सीसी कैमरे की फुटेज आदि के अवलोकन की बात कही। आइजी ने मामले में पीड़ित युवक पर कार्रवाई रोकते हुए डीएसपी मुख्यालय की जांच वाले बिंदु पर जांच कर आरोप से जुड़े तथ्य सामने लाने को कहा है।
केस की खास बातें
- नवगछिया टाउन थानाध्यक्ष के लिए काम करने वाले प्राइवेट चालक ने रसोई बनाने वाले युवक से 16 जुलाई 2025 को किया अप्राकृतिक यौनाचार
- पीड़ित युवक के शिकायत करने पर थानाध्यक्ष ने नहीं लिया केस, एसपी ने भी टहला दिया तो पहुंच गया पीड़ित युवक डीजीपी के पास, डीजीपी के आदेश पर आइजी ने की कार्रवाई
- नवगछिया एसपी प्रेरणा कुमार के समक्ष पीड़ित युवक का हुआ बयान दर्ज
- रेंज आइजी ने एसपी को दिया केस दर्ज कर तथ्य की करें तलाश, जिनकी भूमिका सामने आएगी, होगी कार्रवाई
- एससी-एसटी थाने में दर्ज केस पर फिलहाल कार्रवाई रोकी गई, डीएसपी मुख्यालय की जांच में केस में नहीं मिले आरोप संबंधी तथ्य में आगे होगी तकनीकी जांच
16 जुलाई को हुई घटना, 21 दिन बाद दर्ज हुआ केस
16 जुलाई को जिस युवक रसोइए के साथ अप्राकृतिक यौनाचार की घटना हुई, उसकी शिकायत पर किसी पदाधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। बल्कि आरोपित चालक की कथित पेशबंदी करते हुए पीड़ित युवक पर ही अलग केस एससी-एसटी का दर्ज करा दिया गया। जब मामला डीजीपी के संज्ञान में आया तो उनके निर्देश पर 21 दिनों बाद केस दर्ज कर लिया गया।
अब यह दीगर बात है कि पीड़ित युवक के आरोप में कितना दम है, सच क्या है, झूठ क्या है, मामले की मुकम्मल जांच होगी। लेकिन पीड़ित युवक की शिकायत करने के बाद भी केस दर्ज करने के बजाय टालने की बानगी कुछ बड़े खेल का इशारा चीख-चीख के कर रही है।
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