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    Bihar में फिर निकला सृजन घोटाले का जिन्न, 20 करोड़ डकारने वाले अधिकारी पंकज झा की पेंशन पर लगाई रोक

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 12:37 AM (IST)

    Srijan Ghotala Bhagalpur बिहार लोक सेवा आयोग की सहमति के बाद सृजन घोटाला मामले में पूर्व सहकारिता पदाधिकारी पंकज झा के सौ प्रतिशत पेंशन पर रोक लगा दी गई है। इन पर इंडियन बैंक भागलपुर शाखा के साथ मिलीभगत से धोखाधड़ी जालसाजी कर 20 करोड़ रुपये गबन करने का गंभीर आरोप है।

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    Srijan Ghotala Bhagalpur: सृजन घोटाला में सहकारिता पदाधिकारी पंकज झा के सौ प्रतिशत पेंशन पर रोक लगा दी गई है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर।  Srijan Ghotala Bhagalpur बिहार, भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाले में शामिल रहे तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा की पेंशन पर सरकार ने स्थायी रोक लगा दी है। यह कार्रवाई बिहार पेंशन नियमावली 1950 के नियम 43(बी) के तहत की गई है। झा पर इंडियन बैंक, भागलपुर शाखा के साथ मिलीभगत कर 20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और गबन का गंभीर आरोप है।

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    बताया गया कि झा, जो उस समय भागलपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी थे, ने न सिर्फ बैंकिंग प्रक्रिया में अनियमितताएं कीं, बल्कि सहकारिता विभाग से जुड़े नियमों की भी अवहेलना की। उनके विरुद्ध 10 अक्टूबर 2018 को विभागीय जांच शुरू की गई थी। बाद में 14 दिसंबर 2019 को और आरोपों को जोड़ते हुए जांच का दायरा बढ़ाया गया।

    झा 31 जुलाई 2022 को सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद 30 जनवरी 2023 को उनकी विभागीय जांच को पेंशन नियमों के तहत बदला गया। जांच आयुक्त-सह-अपर सदस्य, राजस्व पर्षद, बिहार, पटना द्वारा 9 अगस्त 2024 को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में झा के विरुद्ध लगे कई आरोपों को प्रमाणित पाया गया।

    18 दिसंबर 2024 को झा को जांच रिपोर्ट भेजकर लिखित जवाब मांगा गया था, लेकिन उनके जवाब में सिर्फ पुराने मामलों का जिक्र था, जिससे विभाग संतुष्ट नहीं हुआ। विभागीय जांच में यह साबित हो गया कि झा की भूमिका घोटाले में संलिप्त थी और उन्होंने प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया।

    इस आधार पर 29 अप्रैल 2025 को उनकी पेंशन रोकने का प्रस्ताव बिहार लोक सेवा आयोग को भेजा गया। आयोग ने 10 जुलाई 2025 को इस पर सहमति दे दी। अब सरकार ने औपचारिक रूप से झा की 100 प्रतिशत पेंशन स्थायी रूप से रोकने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद जारी हुआ है।

    सृजन घोटाले में रहे शामिल, पेंशन पर स्थायी रोक

    पंकज कुमार झा, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, दि भागलपुर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक लि०, भागलपुर, तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी, भागलपुर सेवानिवृत्त को बिहार पेंशन नियमावली 1950 के नियम 43 (बी) के तहत शत-प्रतिशत पेंशन स्थायी रूप से रोकने का दंड संसूचित किया जाता है। इसमें सक्षम प्राधिकार का अनुमोदन प्राप्त है।

    उनके विरुद्ध सृजन मामले में 20 करोड़ रुपये की राशि की धोखाधड़ी एवं गबन का गंभीर आरोप है। संचालित विभागीय कार्यवाही में आरोप प्रमाणित पाया गया है। फलस्वरूप पंकज कुमार झा के विरुद्ध प्रमाणित आरोपों के लिए बिहार पेंशन नियमावली 1950 के नियम 43 (बी) के तहत शत-प्रतिशत पेंशन स्थायी रूप से रोकने का का निर्णय लिया गया। 29 अप्रैल 2025 द्वारा उक्त विभागीय प्रस्ताव पर बिहार लोक सेवा आयोग, पटना से सहमति की मांग की गई। जिस पर आयोग के 10 जुलाई 2025 द्वारा सहमति प्रदान की गई।

    पंकज कुमार झा, तत्कालीन प्रबंध निदेशक, दि भागलपुर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक लि., भागलपुर-सह-तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी सेवानिवृत्त के विरुद्ध इंडियन बैंक, भागलपुर शाखा के साथ मिलीभगत से धोखाधड़ी, जालसाजी कर 20 करोड़ की राशि का गबन किए जाने के आरोप के कारण निलंबित करते हुए 10 अक्टूबर 2018 को विभागीय कार्यवाही संचालित की गई।

    विभागीय कार्यालय आदेश 14 दिसंबर 2019 द्वारा निबंधक, सहयोग समितियां, बिहार, पटना से प्राप्त तत्कालीन जिला सहकारिता पदाधिकारी, भागलपुर एवं सहायक निबंधक, सहयोग समितियां, भागलपुर के पदस्थापन काल में अपने पदीय निर्वहन नहीं करने, समितियों का सामयिक रूप से निरीक्षण नहीं करने एवं बिहार अधिनियम एवं नियमावली तथा उप विधियों के विपरीत कार्य करने के आरोपों के लिए पत्र गठित कर पूर्व से संचालित विभागीय कार्यवाही के साथ समाहित करते हुए विभागीय कार्यवाही संचालित की गई।

    झा के 31 जुलाई 2022 को बार्धक्य सेवानिवृत्त होने के फलस्वरूप 30 जनवरी 2023 द्वारा इस विभागीय कार्यवाही को बिहार पेंशन 1950 के नियम 43 (बी) के तहत सम्परिवर्तित किया गया। जांच आयुक्त -सह- अपर सदस्य, राजस्व पर्षद, बिहार, पटना नौ अगस्त 2024 द्वारा उपलब्ध कराए गए जांच प्रतिवेदन/अधिर संख्या-1,2,3 एवं पूरक आरोप संख्या-1,2,3 प्रमाणित पाया गया। आरोप संख्या-4 के आयुक्त द्वारा मंतव्य दिया गया है कि न्यायिक वाद निर्णय के आधार पर प्रशासी विभाग द्वारा निर्णय लिया जाना उचित प्रतीत होता है।

    18 दिसंबर 2024 द्वारा जांच प्रतिवेदन की प्रति झा को भेजते हुए जांच प्रतिवेदन के आलोक में उनसे लिखित अभ्यावेदन की मांग की गई। पंकज कुमार झा के विरुद्ध प्रतिवेदित आरोप, जांच आयुक्त-सह- अपर सदस्य, राजस्व पर्षद, बिहार, पटना के जांच प्रतिवेदन एवं झा के लिखित निवेदन की समीक्षा की गई। समीक्षोपरान्त पाया गया कि झा के लिखित अभ्यावेदन में पुरानी बातों का उल्लेख किया गया है जो संतोषजनक नहीं है।