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    सावन झूलनोत्सव: सौ साल पुरानी इन ठाकुरबाड़ियाें में अद्भुत झांकियां... एकादशी से पूर्णिमा तक प्रभु की असीम कृपा

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 11:26 PM (IST)

    Sawan Jhoolanotsav 2025 सावन मास की एकादशी से पूर्णिमा तक होने वाले झूलनोत्सव के लिए भागलपुर में तैयारियां जोरों पर है। सौ साल से पुरानी ठाकुरबाड़ियों में पांच अगस्त से यह उत्सव शुरू हो रहा है। इस दौरान प्रभु राधा-कृष्ण रंग-बिरंगे परिधानों में झूला झूलेंगे। रंगनाथ मंदिर में राधा-कृष्ण को हर दिन अलग-अलग रंग के परिधान पहनाए जाएंगे।

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    Sawan Jhoolanotsav 2025: सावन एकादशी से पूर्णिमा तक होने वाले झूलनोत्सव के लिए भागलपुर में तैयारियां जोरों पर है।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। Sawan Jhoolanotsav 2025 श्रावण शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक चलने वाला झूलनोत्सव इस वर्ष मंगलवार, 5 अगस्त से प्रारंभ होकर शनिवार, 9 अगस्त तक चलेगा। इस अवसर पर भागलपुर की ऐतिहासिक ठाकुरबाड़ियों और मंदिरों में राधा-कृष्ण के दर्शन के लिए विशेष सजावट और तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है।

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    भक्ति की बयार, हर दिन अलग शृंगार

    बूढ़ानाथ रोड स्थित रंगनाथ मंदिर में झूलनोत्सव का भव्य आयोजन होगा। महंत स्वामी रंगनाथाचार्य रमण ने बताया कि पांच दिनों तक भगवान राधा-कृष्ण को हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र पहनाए जाएंगे। मंगलवार को पीला, बुधवार को लाल, गुरुवार को नीला, शुक्रवार को हरा और अंतिम दिन पूर्णिमा पर सफेद वस्त्रों में विशेष झांकी सजाई जाएगी। इसके साथ ही कुंजवृक्ष, फूल, फल, सब्जी आदि से विशेष सजावट की जाएगी और हर दिन भिन्न-भिन्न भोग अर्पित होंगे। रोजाना सायंकाल भजन-कीर्तन का आयोजन भी होगा।

    सौ साल पुरानी परंपरा को संजोए ठाकुरबाड़ियां

    गिरधारी साह हाट स्थित रूक्मिणी श्रीकृष्ण मंदिर, चुनिहारी टोला मोहरी मंदिर, सखीचंद घाट जगन्नाथ मंदिर, कुपेश्वरनाथ महादेव मंदिर, अनंत राम लेन की राधा कृष्ण ठाकुरबाड़ी, अलीगंज राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी, वेरायटी चौक स्थित दुग्धेश्वरनाथ मंदिर और बूढ़ानाथ मंदिर समेत कई स्थानों पर झूलन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।

    मारवाड़ी टोला ठाकुरबाड़ी के पंडित राम रतन पाठक ने बताया कि यह ठाकुरबाड़ी सौ वर्ष से भी पुरानी है और हर साल विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालू भगवान को झूला झुलाने के साथ मंगल कामना करते हैं।

    भक्ति और बंधन का संगम

    पांच दिन तक भागलपुर की गलियां राधा-कृष्ण की झूला झूलन की रुनझुन से गूंजेंगी, और अंतिम दिन भाई-बहन का पवित्र धागा इस उत्सव को और भी यादगार बना देगा। भक्तों में उत्साह चरम पर है। ठाकुरबाड़ियों में राधे-श्याम के स्वागत की तैयारियां बस पूरी होने को हैं।