Bihar Flood: भागलपुर में उफान मार रही गंगा... नवगछिया में बाढ़ के हालात... निचले इलाके में स्थिति नाजुक
Bihar Flood बिहार में गंगा पूरे उफान पर है। भागलपुर के नवगछिया गोपालपुर एवं इस्माईलपुर प्रखंड में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने का क्रम अब भी जारी है। इससे निचले इलाके में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। शुक्रवार को गंगा खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर बह रही थी।

संवाद सूत्र, नवगछिया। Bihar Flood गोपालपुर एवं इस्माईलपुर प्रखंड के बिंद टोली में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है और स्पर संख्या दो के बाद से तटबंध के निकट बह रही है। इसके परिणामस्वरूप स्पर संख्या तीन के आसपास रिसाव की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिसे बालू भरी बोरियों से मरम्मत किया गया है। हालांकि, हाल ही में हुई मूसलाधार वर्षा के कारण रिसाव की संभावना फिर से बढ़ गई है। स्पर संख्या सात के डाउनस्ट्रीम में मछली आढ़त के निकट गंगा नदी की धारा में तेज बहाव के कारण आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल है।
दूसरी ओर, ब्रह्मोत्तर धार में गंगा और कोसी नदी के बाढ़ का पानी पीडब्लूडी सड़क तक पहुंच गया है, जिससे सड़क पर रिसाव हो रहा है और पानी गड्ढों में भरकर वीरनगर की ओर बढ़ सकता है। बाढ़ के कारण तिनटंगा करारी गांव के हिस्से और बिंद टोली में पानी प्रवेश कर चुका है।
ब्रह्मोत्तर बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत बालू भरी बोरियों से की गई है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता का पता आने वाले समय में ही चलेगा। जल संसाधन विभाग द्वारा बांध की मरम्मत कराई गई है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के कार्यपालक अभियंता ई. गौतम कुमार ने बताया कि स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और बाढ़ एवं कटाव से बचाव की तैयारी पूरी की गई है।
हालांकि इस्माईलपुर-बिंद टोली में गंगा नदी के जलस्तर में पिछले बारह घंटे में पांच सेंटीमीटर की कमी आई है। वर्तमान में गंगा नदी खतरे के निशान 31.60 मीटर से 57 सेंटीमीटर ऊपर, अर्थात 32.17 मीटर पर बह रही है। मदरौनी कोसी नदी 30.55 मीटर पर स्थिर है। यह जानकारी बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया से प्राप्त हुई है।
तेज हवा के साथ हो रही मूसलधार बारिश
नवगछिया के विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार सुबह तेज हवा के साथ बारिश हुई, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है। गोपालपुर, इस्माईलपुर और रंगरा के दियारा क्षेत्रों में मक्का फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा है और मवेशियों के चारे का भी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि बाढ़ का यह अचानक आगमन उनके लिए गंभीर समस्या बन गया है, जिससे फसलें डूबने के कारण वे चिंतित हैं।
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