Bihar Flood: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज कर सकते हैं बाढ़ राहत-बचाव का निरीक्षण... नवगछिया के बिंद टोली में कटाव प्रभावित गंगा तटबंध का लेंगे जायजा
Bihar Flood बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को बाढ़ प्रभावित भागलपुर में राहत-बचाव कार्य स्थिति का जायजा लेने आ सकते हैं। वे नवगछिया के बिंद टोली में गंगा में आई बाढ़ के कारण तटबंध कटाव का भी निरीक्षण करेंगे। इस बीच राहत की खबर ये है कि भागलपुर में गंगा स्थिर हो गई है। इससे अगले एक-दो दिनों में जनमानस को राहत की उम्मीद है।

जागरण टीम, नवगछिया/भागलपुर। Bihar CM Nitish Kumar बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को भागलपुर के नवगछिया में बिंदटोली गंगा तटबंध का जायजा लेने आ सकते हैं। यह जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों ने दी है। इस्माइलपुर बिंदटोली तटबंध बिंद टोली गांव के समीप स्पर संख्या 9 के अप में लगभग 300 से 400 मीटर लंबाई में ध्वस्त हो गया है। इससे बड़ी तबाही होने की संभावना है। इसे लेकर मुख्यमंत्री के कटाव स्थल का निरीक्षण करने की संभावना है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री के आगमन समय की पक्की प्रशासनिक पुष्टि नहीं है।
भागलपुर में गंगा स्थिर हो गई
फरक्का बैराज का 101 गेट खोल दिए जाने से सोमवार शाम से भागलपुर में गंगा स्थिर हो गई है। रात से जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने लगेगी, इससे राहत की उम्मीद है। हालांकि, खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। जिले में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जल सैलाब फैला हुआ है। सोमवार को पिछले 24 घंटे में जलस्तर में केवल 3 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। वर्तमान में जलस्तर डेंजर लेवल से 97 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।
घरों में तीन फीट तक पानी
गंगा किनारे बसे इलाकों में तीन से चार फीट पानी घरों में प्रवेश कर चुका है। गलियां, नालियां और मुख्य सड़कें जलधारा में तब्दील हो गई हैं। अकबरनगर, नाथनगर जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर एक से डेढ़ फीट पानी चढ़ गया है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए बैरियर लगा दिए हैं। छोटे वाहनों का आवागमन जारी है, लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ी
सबौर क्षेत्र के इंग्लिश गांव के पास एनएच पर बार-बार पानी का बहाव हो रहा है, जिसे डायवर्जन बनाकर नियंत्रित किया जा रहा है। गोराडीह मुख्य मार्ग पर जमसी के पास बाढ़ का पानी सड़क पार करने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है।
शैक्षणिक संस्थान प्रभावित
बाढ़ ने शहर के शैक्षणिक संस्थानों को भी प्रभावित किया है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर में नाव चल रही है। इंजीनियरिंग कॉलेज गंगा की धारा में घिर गया है, और हास्टल खाली कराए जा चुके हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अनुसंधान प्रक्षेत्र में लगी रिसर्च फसलें भी डूब गई हैं।
नाव से पहुंचाया जा रहा सुरक्षित स्थान की ओर
सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और सामुदायिक किचन चलाए जा रहे हैं। कई स्थानों पर नावों के माध्यम से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन गंगा के सैलाब के सामने ये प्रयास अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
भागलपुर में गंगा का जलस्तर (11 अगस्त, सुबह 8 बजे)
- अधिकतम उच्चतर स्तर : 34.86 मीटर
- डेंजर लेवल : 33.68 मीटर
- 10 अगस्त का जलस्तर : 34.62 मीटर
- 11 अगस्त का जलस्तर : 34.65 मीटर
- 24 घंटे में वृद्धि : 0.03 मीटर
- डेंजर लेवल से ऊपर : 0.97 मीटर
नाव क्षतिग्रस्त, बचे मुखिया समेत 10 लोग
घोघा में कोदवार के समीप बाढ़ के पानी से घिरी फोरलेन बाउंड्री से एक नाव टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई। देखते ही देखते नाव में पानी भरने लगा। संयोग से नाव पर सवार सभी लोग तैराक थे, सभी तैरकर बाउंड्री तक पहुंचे और सुरक्षित निकल गए। नाव पर प्रशस्तडीह मुखिया सहित दस लोग सवार थे।
प्रशस्तडीह मुखिया अतुल पांडे ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन का राशन सामग्री लेने हमलोग सभी नाव से प्रशस्तडीह से कोदवार जा रहे थे। पानी के तेज बहाव से अचानक नाव अनियंत्रित होकर फोरलेन बाउंड्री से टकरा गई। नाव सरकारी थी जो क्षतिग्रस्त हो गई है। हमलोग किसी तैरकर निकले। बड़ा हादसा होते-होते टला।
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