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    भागलपुर में आवारा कुत्तों पर निगम की सख्ती: कराई जाएगी नसबंदी, टेंडर के लिए 2 जनवरी तक एजेंसी का चयन

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    भागलपुर नगर निगम ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे होने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम शुरू किया है। इसक ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या और उनसे हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से भागलपुर नगर निगम ने ठोस पहल की है। पशु जन्म नियंत्रण (एनिमल बर्थ कंट्रोल) कार्यक्रम के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं उपचार की व्यवस्था की जाएगी। निगम ने एजेंसी चयन को लेकर निविदा जारी की है। निविदा प्रक्रिया दो जनवरी को पूरी हो जाएगी। एजेंसी वैज्ञानिक तरीके से आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण एवं पोस्ट-आपरेटिव देखभाल का कार्य करेगी।

    एक जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्र के 51 वार्डों में करीब पांच हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं। नगर निगम के लोक स्वच्छता पदाधिकारी शशि भूषण सिंह के अनुसार, इस योजना के लागू होने से शहर में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित होगी, साथ ही डाग बाइट की घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है। नसबंदी के बाद कुत्तों की पूरी देखभाल की जाएगी और स्वस्थ होने के उपरांत क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।

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    जिले में प्रति माह 10 से 15 लोग होते हैं डाग बाइट के शिकार

    भारत में इस वर्ष के पहले सात महीनों में 26,71,732 कुत्ते के काटने का मामला दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 2025 में बिहार में माहवार औसतन 27,000 लोग डाग बाइट के शिकार हुए हैं। वहीं भागलपुर जिले की बात करें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल व जेएलएनएमसीएच में प्रति माह डाग बाइट के 10 से 15 मामले पहुंचते हैं।

    आवारा कुत्तों पर नियंत्रण को निगम ने निकाली अल्पकालीन निविदा

    भागलपुर नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम के तहत एजेंसी के चयन के लिए अल्पकालीन निविदा आमंत्रित किया है। इस योजना के अंतर्गत आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं पोस्ट-आपरेटिव देखभाल का कार्य किया जाएगा।

    निगम द्वारा इच्छुक एवं योग्य एजेंसियों से आनलाइन निविदा आमंत्रित की गई है। निविदा शुल्क 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया है, जो नान-रिफंडेबल होगा। जमानत राशि एक लाख रुपये तय की गई है। आनलाइन बोली जमा करने की अंतिम तिथि 29 दिसंबर और तकनीकी बोली खोलने की तिथि एक जनवरी निर्धारित है। दो जनवरी को निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

    यह होगी व्यवस्था

    प्रत्येक वार्ड में कुत्ते के भोजन को लेकर एक स्थान चयनित करना होगा। इसके साथ डाग पाउंड बनाया जाएगा। जिसमें बिना बीमारी वाले कुत्ते को रखा जाएगा। एंटी रैबीज का वैक्सिन दिया जाना है। नाथनगर में डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा। यहां कुत्ते का बंध्याकरण भी किया जाएगा।

    वहीं एजेंसी जिस इलाके से कुत्ते को लेकर जाएंगे, वैक्सिनेशन (टीकाकरण) के बाद उसी स्थान पर छोड़ना होगा। कुत्ते के नियंत्रण के लिए सिटी मैनेजर असगर अली को नेाडल पदाधिकारी बनाया गया है। वहीं एजेंसी को वाहन देना हेागा। एक कुत्ते के देखभाल पर 1650 रुपये नगर निगम द्वारा भुगतान किया जाएगा।