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    Bhagalpur News: यहां तो प्रोफेसरों में ही हाथापाई की नौबत... छात्रों को पढ़ाते फिरते हैं 'गांधी विचार'

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 10:43 AM (IST)

    Bhagalpur News तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय किसी न किसी कारण से अक्सर अखाड़ा बनते दिखता है। अबकी बार सिंडिकेट सदस्य डा. निर्लेश कुमार पर गांधी विचार विभाग के शिक्षक डा. मनोज कुमार दास ने मारपीट की धमकी देने का आरोप लगाया है। शिक्षक से कहा गया है कि छात्रावास आने पर उनका अच्छे से स्वागत किया जाएगा।

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    Bhagalpur News: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में दो प्रोफेसरों के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है।

    संवाद सहयाेगी, नाथनगर (भागलपुर)। Bhagalpur News  टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग के शिक्षक डा. मनोज कुमार दास ने सिंडिकेट सदस्य डा. निर्लेश कुमार पर धमकी देने का आरोप लगाया है। डा. मनोज ने कुलपति प्रो. जवाहर लाल को लिखित आवेदन देकर सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई।

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    कुलपति को दिए आवेदन में डा. मनोज ने लिखा है कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सभी नियमित शिक्षकों का व्हाट्सएप ग्रुप बीएसटीएफ टीएमबीयू और टीएम बूटा है, इसमें मैं भी जुड़ा हुआ हूं। विश्वविद्यालय के ही कुछ रचनात्मक शिक्षकों ने नया व्हाट्सएप ग्रुप भागलपुर यूनिवर्सिटी नाम से बनाकर हमें जोड़ दिया है। जिसमें मेरी सहमति भी है।

    व्हाट्सएप ग्रुप पर बढ़ा बवाल

    इस ग्रुप का निर्माण पूर्व ग्रुप में अनावश्यक संदेश भेजे जाने के कारण किया गया है, ताकि शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित और विश्वविद्यालय की सभी सूचनाएं शिक्षकों तक पहुंच सके। 28 जून को भागलपुर यूनिवर्सिटी व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर मुझे जोड़ा गया। इसी दिन रात्रि 08:24 बजे डा . निर्लेश कुमार ने फोन कर धमकी भरे शब्दों में कहा कि "तुम इस ग्रुप से क्यों जुड़े हो? इस व्हाट्सएप ग्रुप से जल्दी निकल जाओ, अन्यथा पीजी वन छात्रावास आने पर तुम्हारा अच्छे से स्वागत किया जाएगा।

    एक शिक्षक द्वारा इस प्रकार शिक्षक साथी को धमकाना कोई छोटी घटना नहीं है, बल्कि यह एक आपराधिक कृत्य है। मुझे आशंका है कि डा. निर्लेश कुमार कभी भी अपने सहयोगियों के माध्यम से मुझ पर हमला करवा सकते हैं। डा. राजेंद्र प्रसाद पुरुष छात्रावास को ही पीजी वन छात्रावास के नाम से भी जाना जाता है। मैं छात्रावास अधीक्षक हूं। इसलिए मुझे छात्रावास आने पर "स्वागत" करने अर्थात "देख लेने" कि धमकी दी गई है।

    इस संबंध में पूछने पर डा. निर्लेश कुमार ने कहा कि धमकी देने का आरोप निराधार है। यदि उनको 28 को धमकी दिया गया तो आवेदन पांच दिन बाद तीन जुलाई को क्यों दिया गया। किसी के बहकावे में आकर आवेदन दिए हैं। धमकी तो पुलिस का मामला है। निर्लेश ने कहा, अगर डा. मनोज कुमार दास के मोबाइल की जांच हो तो पता चल जाएगा कि वह कुलपति और अन्य विभागीय लोगों के बारे में क्या क्या बात बोले हैं, सबकी जांच होनी चाहिए।