Bihar Teacher Transfer Posting: छात्र-शिक्षक अनुपात में असंतुलन, शिक्षा विभाग करेगा जिलावार समीक्षा
बिहार के पूर्वी और सीमांचल क्षेत्र के जिलों में शिक्षक स्थानांतरण के बाद छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है। कई जिलों में एक शिक्षक पर 30 से अधिक छात्र हैं। शिक्षा विभाग 30 जुलाई तक जिलावार समीक्षा करेगा और शिक्षकों की उपलब्धता को संतुलित करने का प्रयास करेगा ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार के पूर्वी और सीमांचल क्षेत्र के 13 जिलों में हाल ही में हुए शिक्षक स्थानांतरण के बाद छात्र-शिक्षक अनुपात एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। भागलपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में एक शिक्षक पर औसतन 30 से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता के लिए गंभीर संकेत है।
शिक्षा विभाग के मानक के अनुसार, प्राथमिक स्कूलों में एक शिक्षक पर अधिकतम 30 छात्रों की सीमा तय की गई है, लेकिन जिलावार आंकड़ों के मुताबिक, कई जिलों में यह अनुपात तय सीमा से अधिक है। जिले की बात करें तो पूर्णिया में 37.41 छात्र प्रति शिक्षक, कटिहार में 34.94 छात्र प्रति शिक्षक हैं।
वहीं, अररिया में 35.58 छात्र प्रति शिक्षक जमुई में 33.25, बांका में 32.99, किशनगंज में 31.13, भागलपुर में 35.4, लखीसराय में 30.10 छात्र प्रति शिक्षक हैं। जबकि मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, मुंगेर और खगड़िया में अनुपात 28 से 30 के बीच है।
स्थानांतरण के बाद इस बढ़ते असंतुलन के समाधान के लिए शिक्षा विभाग 30 जुलाई तक जिलावार समीक्षा करेगा। इसके बाद उन जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां शिक्षकों की तैनाती कम है।
पिछले दिनों में बैठक में मुख्यालय स्तर चाहिए या स्पष्ट किया गया है कि हर जिले में शिक्षक उपलब्धता संतुलित हो, ताकि बच्चों को समुचित शिक्षा मिल सके। इस समीक्षा के आधार पर दूसरे चरण में पुरुष शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। विभाग का मानना है कि शिक्षक वितरण का यह असंतुलन दूर हुए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संभव नहीं है।
राज्य में 5 लाख से अधिक हैं शिक्षक, पौने दो करोड़ छात्र
शिक्षा विभाग के आंकड़ों की बात करें तो यू डायस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में एक करोड़ 76 लाख 93 हजार के करीब छात्र-छात्राएं 71 सरकारी स्कूलों में नामांकित है। पूर्व के शिक्षकों और तीन चरणों की बहाली को मिलकर राज्य भर में पांच लाख 96 हजार से अधिक शिक्षक हैं।
राज्य के छात्र शिक्षक अनुपात की बात करें तो 29 बच्चों पर एक शिक्षक हैं। पूर्वी बिहार और कोसी सीमांचल की बात करें तो विशेष तौर पर पूर्णिया, कटिहार, अररिया, भागलपुर बांका जैसे जिलों में नई तैनाती की सबसे अधिक आवश्यकता है। विभाग द्वारा इन जिलों को प्राथमिकता की सूची में रखा गया है।
बिहार के जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात (प्रति शिक्षक पर छात्र संख्या):
जिला | प्रति शिक्षक छात्र |
---|---|
अररिया | 35.58 बच्चे |
अरवल | 28.49 बच्चे |
औरंगाबाद | 27.77 बच्चे |
बांका | 32.99 बच्चे |
बेगूसराय | 31.05 बच्चे |
भागलपुर | 35.40 बच्चे |
भोजपुर | 24.58 बच्चे |
बक्सर | 23.29 बच्चे |
दरभंगा | 26.53 बच्चे |
गया | 29.70 बच्चे |
गोपालगंज | 23.54 बच्चे |
जमुई | 33.25 बच्चे |
जहानाबाद | 21.61 बच्चे |
कैमूर | 25.28 बच्चे |
कटिहार | 34.94 बच्चे |
खगड़िया | 33.09 बच्चे |
किशनगंज | 31.13 बच्चे |
लखीसराय | 30.10 बच्चे |
मधेपुरा | 29.75 बच्चे |
मधुबनी | 28.35 बच्चे |
मुंगेर | 28.87 बच्चे |
मुजफ्फरपुर | 30.28 बच्चे |
नालंदा | 25.03 बच्चे |
नवादा | 29.88 बच्चे |
पश्चिम चंपारण | 29.36 बच्चे |
पटना | 25.83 बच्चे |
पूर्वी चंपारण | 36.54 बच्चे |
पूर्णिया | 37.41 बच्चे |
रोहतास | 27.60 बच्चे |
सहरसा | 29.15 बच्चे |
समस्तीपुर | 30.44 बच्चे |
सारण | 29.24 बच्चे |
शेखपुरा | 29.65 बच्चे |
शिवहर | 43.57 बच्चे |
सीतामढ़ी | 41.10 बच्चे |
सिवान | 22.11 बच्चे |
सुपौल | 28.35 बच्चे |
वैशाली | 33.65 बच्चे |
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