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    Bihar Govt को लगाया लाखों का चूना, मुंबई और कोलकाता से धरे जाएंगे 9 शातिर; इस कंपनी के MD, CEO, GM पर कसा शिकंजा

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 04:08 AM (IST)

    Bhagalpur News भागलपुर के ख्यातिलब्ध तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में राज्य सरकार के द्वारा कराए जा रहे उन्नयन कार्यों में लाखों की हेराफेरी करने वाले मास्टर्स डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नौ पदाधिकारियों की संपत्ति कुर्क होगी। बरारी थाने में दर्ज इस मामले में मुंबई और कोलकाता के आरोपितों ने फर्जी इनवाइस पर लाखों रुपये की निकासी कर ली थी।

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    Bhagalpur News: भागलपुर के तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में लाखों की हेराफेरी करनेवाले नौ पदाधिकारियों की संपत्ति कुर्क होगी।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र मे ख्याति प्राप्त तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में राज्य पोषित निर्माण योजना में बिना काम कराए लाखों की राशि हड़प जाने मामले में आरोपितों की संपत्ति कुर्क होगी। बरारी थाने में दर्ज केस संख्या 90-24 में संपत्ति कुर्क करने के जारी आदेश को अमल में लाने के लिए अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया गया है। उक्त आदेश को अमल में लाने के लिए अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक दिलीप राम मार्स्टस् डेवलपमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नौ पदाधिकारियों की संपत्ति कुर्क करने कोलकाता और मुंबई जाएंगे।

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    इन्हें बनाया गया है गंभीर मामले में आरोपित

    जसप्रीत सिंह, एमडी एंड सीईओ, वरिष्ठ पदाधिकारी प्रदीप शेट्टी, सौरभ प्रधान, तीनों आरोपितों का पता दर्ज केस में मुंबई के अंधेरी कुर्ला रोड, अंधेरी ईस्ट स्थित सागर टेक प्लाजा, बी विंग, साकीनाका जंक्शन बताया गया है। इसके अलावा कंपनी के रीजनल मैनेजर ईस्ट ध्रुबा भट्टाचार्या, हेड प्रोजेक्ट़स पार्था गुहा, सीनियर मैनेजर प्लानिंग सैकत सेन गुप्ता, एडमिन, डिपार्टमेंट चौधरी जहीरुल इस्लाम, साइट इंजार्च राणा हल्दर, एमईपी इंजीनियर गौतम पॉल का पता दर्ज केस में कोलकाता स्थित राजदंगा मेन रोड का बताया गया है।

    षडयंत्र रचकर राजकोष की धनराशि हड़प ली

    उपरोक्त नामजद आरोपितों पर षडयंत्र, धोखाधड़ी, बोगस इनवॉयस बनाकर राजकोष की धनराशि को छलपूर्वक हड़प लेने, विश्वास का आपराधिक हनन, भयादोहन समेत अन्य गंभीर आरोप में केस दर्ज कराया गया है। पुलिस के वरीय सक्षम पदाधिकारियों ने केस को अनुसंधान में मिले साक्ष्य के आधार पर केस को सत्य करार देते हुए अनुसंधानकर्ता को आगे की विधि-सम्मत कार्रवाई का आदेश दिया था।

    प्राकृतिक चिकित्सा की बड़ी परियोजना अधूरी

    राजकीय कोष के अनुदान से मानक समय सीमा में तैयार होने वाले प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्र की बड़ी महत्वकांक्षी योजना को पूरा करना था। लेकिन ऐसा करने के के बजाय अधूरा लटका देने वाले आरोपितों ने लाखों लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े इस परियोजना के लाभ से वंचित कर रखा है।

    समय सीमा के भीतर कंपनी ने अपना दायित्व और काम पूरा लिया होता तो उन्हें 68,16,000 रुपये जीएसटी के साथ ही देने पड़ते। लेकिन आरोपितों ने आधे-अधूरे कार्य का निर्वहन के लिए 93,79,000 रुपये का दोहन किया। कंपनी के उपरोक्त नामजद आरोपितों ने तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र परिसर में तैयार होने वाली इस बड़ी परियोजना में काम पूरा कराए लाखों की राशि हड़प की।