Updated: Wed, 26 Feb 2025 01:11 PM (IST)
Bhagalpur News भागलपुर में एक और नई रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी तेज हो गई है। गंगा नदी पर विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज के निर्माण के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। एजेंसी के चयन के लिए निविदा जारी की गई है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News: भागलपुर के पास गंगा पर 26.23 किलोमीटर लंबी विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन के साथ ब्रिज को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के साथ इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने की दिशा में रेलवे ने पहल शुरू कर दी है।
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एजेंसी के चयन के लिए निविदा जारी कर दी गई है। विक्रमशिला-कटरिया रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है। जल्द भू-अर्जन की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
200 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहण की जाएगी
कई मौजों में 200 हेक्टेयर से अधिक भू-अर्जन की जाएगी। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ सतीश चंद्रा ने बताया टेंडर जारी कर दिया गया है। बता दें कि पिछले साल अगस्त में इस परियोजना को मंजूरी मिली थी। 2549.17 करोड़ रुपये की लागत से विक्रमशीला-कटरिया रेलवे लाइन के तहत भागलपुर में गंगा नदी पर एक और पुल का निर्माण किया जाएगा।
यह भागलपुर का पहला और बिहार का पांचवां रेल पुल होगा। भागलपुर में अबतक विक्रमशिला सेतु और उसके समानांतर निर्माणाधीन नया पुल और सुल्तानगंज-अगुवानी पुल, विजय घाट पुल सड़क वाला है। 26.23 किलोमीटर लंबा पुल न सिर्फ दो नेशनल हाइवे को जोड़ेगा, बल्कि इसके बनने से कोसी और सीमांचल क्षेत्र का पूर्वी बिहार यानी अंग क्षेत्र से भी रेल संपर्क जुड़ जाएगा।
भागलपुर में गंगा नदी पर प्रस्तावित नया रेल पुल वाई आकार का होगा। इसमें पुल के दोनों तरफ से रेललाइन मिलेगी। उत्तर में कटरिया और नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशन की तरफ बटेश्वर स्थान के पास लाइन जुड़ेगी। नई रेललाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा।
मुख्य पुल की लंबाई 2.5 किलोमीटर होगी। यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा। यह पुल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों से भी एक-दूसरे जिले को जोड़ सकेगा।
5 शहरों से रेल संपर्क हो जाएगा आसान
कोसी क्षेत्र का भागलपुर, गोड्डा, दुमका, देवघर, रांची आदि शहरों से रेल संपर्क आसान हो जाएगा। इन शहरों की दूरी भी कम हो जाएगी । यह पुल उत्तर और पूर्वी भारत का अतिरिक्त रेल कारिडोर का काम करेगा। इसे मेगा रेल कारिडोर नाम दिया जाएगा। दूसरी ओर, इस परियोजना के पूरा होने पर कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ भागलपुर से नई ट्रेनें चलाई जाएगी।
यात्रियों को सुविधा होगी। इधर, कटरिया को मालदा मंडल में भागलपुर विक्रमशिला से जोड़ा जाएगा। इसी के साथ एक वाई-लेग सेक्शन सबौर के पास भी प्रस्तावित है।
एक सप्ताह पहले पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद के देउस्कर ने यहां निरीक्षण भी किया था। रेलमंत्री ने भी रेल अधिकारियों के साथ वर्चुअली बैठक कर रेल परियोजनाओं में इस मेगा ब्रिज की भी जानकारी दी थी। इससे 95 करोड़ किलोग्राम कार्बन का कम उत्सर्जन होगा।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में ही इस परियोजना को बजट में शामिल किया गया था। बजट में 4500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया था। एक साल पहले एलाइनमेंट का ड्रोन सर्वे किया गया था। रेल टेल कंपनी ने सर्वे में पाया कि अधिकतर जमीन गंगा नदी क्षेत्र में है। इसलिए अधिग्रहण में मामला ज्यादा नहीं खींचेगा।
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