Bihar Government: बिना तकनीकी डिग्री के प्रमोद बन गया लैब टेक्नीशियन, 22400 रुपये सैलरी; ऐसे खुली पोल
भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक कर्मचारी प्रमोद कुमार बिना उचित डिग्री के लैब टेक्नीशियन बन गए। शिकायत मिलने पर जांच हुई और उनकी पदोन्नति रद्द कर दी गई। उन्हें वापस प्रयोगशाला सेवक बना दिया गया है और वेतन में कटौती का आदेश जारी किया गया है। जांच में पता चला कि उनकी पदोन्नति में जरूरी दस्तावेजों की जांच में लापरवाही बरती गई थी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी में 2014 से मरीजों की जांच करने वाले प्रमोद कुमार की नियुक्ति प्रयोगशाला सेवक के रूप में हुई थी। बिना किसी तकनीकी डिग्री के उन्हें लैब टेक्नीशियन बना दिया गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब किसी ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार से इसकी शिकायत की।
अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी की रिपोर्ट में सभी आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद अधीक्षक कठोर कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। प्रमोद कुमार की नियुक्ति 16 अगस्त 2014 को प्रयोगशाला सेवक के रूप में हुई थी, जिसका वेतनमान 5200-20200 रुपये था।
प्रमोद ने अपनी कार्यशैली से संतुष्ट होकर प्रमोशन की मांग की। 14 जनवरी 2019 को गठित प्रोन्नति समिति ने उन्हें प्रोविजनल प्रयोगशाला सहायक यानी लैब टेक्नीशियन बना दिया। इसके बाद 22 जनवरी 2019 को उनका वेतन 21700 रुपये और 1 जुलाई 2020 को 22400 रुपये निर्धारित किया गया।
यह जानकर हैरानी होती है कि प्रमोद की प्रमोशन के लिए आवश्यक कागजात की सही जांच नहीं की गई थी। वह जुलाई 2025 तक लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्य करते रहे और बढ़ा हुआ वेतन लेते रहे। जांच टीम ने स्पष्ट किया है कि प्रमोद की प्रमोशन को रद्द कर दिया गया है और उन्हें फिर से प्रयोगशाला सेवक बना दिया गया है। इसके साथ ही, बढ़े हुए वेतनमान की कटौती संबंधी आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
डॉ. अविलेश कुमार, मायागंज अस्पताल के अधीक्षक, ने इस मामले की पुष्टि की है और कहा है कि इस प्रकार की जालसाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने अस्पताल में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी का काम किया है कि सभी नियुक्तियों और प्रमोशनों में पारदर्शिता और सही जांच आवश्यक है।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रमोद पर लगे आरोप को बताया सही
प्रमाणपत्रों की हुई जांच शिकायत के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया, तो प्रमोद के सभी शैक्षिक कागजात की गहनता से जांच की गई। इसमें पाया गया कि उनके पास केवल मैट्रिक का प्रमाण पत्र है, जबकि लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आवश्यक तकनीकी योग्यता नहीं थी।
इस आधार पर प्रमोद की प्रमोशन को गलत ठहराया गया और उनके पूर्व वेतनमान पर वापस लौटने का निर्णय लिया गया। 16 अगस्त 2023 के बाद से उनके वेतन में कटौती करने की अनुशंसा की गई।
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