Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhagalpur Riots: भतौड़िया कांड में जिंदा बचे सभी 10 आरोपित बरी, ADJ ज्योति कुमार की अदालत ने सुनाया फैसला

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 02:15 PM (IST)

    भागलपुर दंगा के भतौड़िया कांड में अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी दस आरोपितों को बरी कर दिया। गवाहों के अपने बयान से मुकरने और किसी भी गवाह द्वारा आरोपियों की पहचान न कर पाने के कारण यह फैसला लिया गया। अभियोजन पक्ष ने होस्टाइल विटनेस को मान्य करने की दलील दी लेकिन न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को बरी कर दिया।

    Hero Image
    भतौड़िया कांड में जिंदा बचे सभी 10 आरोपित बरी, ADJ ज्योति कुमार की अदालत ने सुनाया फैसला

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। देश के सबसे वीभत्स दंगों में शुमार भागलपुर दंगा के भतौड़िया कांड में बचाव और अभियोजन पक्ष की बहस बाद पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में जिंदा बचे सभी दस आरोपित बरी कर दिए गए।

    जिला अपर सत्र न्यायाधीश-11 ज्योति कुमार कश्यप की अदालत ने जिन आरोपितों को बरी किया उनमें लक्ष्मण मंडल, गुरुदेव यादव, विजय यादव, योगेंद्र यादव, श्याम मंडल, उचित यादव, प्रसादी यादव, प्रकाश यादव, ब्रह्मदेव यादव और प्रमोद मंडल शामिल हैं।

    सरकार की तरफ से विशेष अपर लोक अभियोजक अतिउल्लाह और बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता सिकंदर पांडेय ने बहस में भाग लिया। केस में कुल तीन गवाहों ने गवाही दी थी। तीनों गवाहों में एक ने भी घटना का समर्थन नहीं किया था। सभी अपने बयान से मुकर गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायालय में मौजूद आरोपितों को भी तीनों में किसी गवाहों ने पहचाना नहीं था। फर्द बयान प्रूव ही नहीं हो सका था। हालांकि, अभियोजन पक्ष से पटना से आए विशेष लोक अभियोजक अतिउल्लाह ने भी पक्ष रखते हुए दलील दी थी कि कि होस्टाइल विटनेस एडमिशेबल समझा जाए, क्योंकि दंगा संगठित अपराध की श्रेणी में आता है। हजार लोग मारे गए थे। इस केस में स्पेशल एक्ट अप्लाई ही नहीं होगा।

    केस के अनुसंधानकर्ता ने पुराने केस की केस डायरी के साथ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया है। विशेष लोक अभियोजक अतिउल्लाह ने यह भी दलील दी थी कि सेशन केस 187-90 में इन्हीं आरोपितों को तत्कालीन एडीजे तृतीय की अदालत में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है।

    न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाते हुए दस आरोपितों को बरी कर दिया है।

    26 अक्टूबर 1989 को भतौड़ियां गांव में बलवाइयों ने घरों को आग लगा दी थी

    26 अक्टूबर 1989 को नाथनगर थानाक्षेत्र के भतौड़िया गांव में करीब दो हजार बलवाइयों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों को घेर आग के हवाले कर दिया था। तब जैसे-तैसे लोगों ने भाग कर जान बचाई थी। उस घटना में एक पुरुष और तीन महिलाओं की जलने से मौत हुई थी।

    घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस पार्टी पर बलवाइयों ने हमला कर दिया था। जिसके बाद पुलिस पार्टी की जवाबी कार्रवाई में एक बलवाई मारा गया था। पुलिस जवानों के राइफल भी छीनने की कोशिश बलवाइयों ने की थी। घटना के दौरान बलवाइयों ने लूटपाट भी की थी।

    घटना की बाबत नाथनगर थाने में तैनात तत्कालीन सहायक अवर निरीक्षक नरेंद्र कुमार के लिखित बयान पर केस दर्ज किया गया था। अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। जस्टिस एनएन सिंह न्यायिक जांच आयोग के आदेश पर केस री-ओपन हुआ था।