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    भागलपुर नगर निगम में विवाद तेज: पार्षद रंजीत मंडल ने पंकज गुप्ता पर लगाया पक्ष बदलने का आरोप, मेयर पर लेबर घोटाले का इल्जाम

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 04:52 AM (IST)

    भागलपुर नगर निगम में विवाद गहरा गया है। पार्षद रंजीत मंडल ने पंकज गुप्ता पर पाला बदलने का आरोप लगाया है, साथ ही मेयर पर लेबर घोटाले का इल्जाम लगाया है ...और पढ़ें

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    भागलपुर मेयर वसुंधरा लाल। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम में मेयर डॉ. बसुंधरा लाल बनाम वार्ड 13 के पार्षद रंजीत मंडल के बीच छिड़ी जंग का दायरा गुरुवार को बढ़ गया। रंजीत ने अब वार्ड 51 के पार्षद पंकज गुप्ता को लपेटे में ले लिया है। उन्होंने कहा लेबर संबंधी प्रस्ताव पर पहले साथ देने वाले पंकज अब बदल गए हैं।

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    इसके लिए उनके वार्ड में करोड़ों की योजना का लाभ मिला है। दूसरी ओर, पंकज ने कहा है कि 107 लेबर का मुद्दा वर्तमान बोर्ड के गठन के पूर्व के कार्यकाल का है। वे अब भी इस मुद्दे पर अपने पहले के स्टैंड पर खड़े हैं। रंजीत बिना साक्ष्य के आरोप लगा रहे हैं। इधर, मेयर ने इस मुद्दे पर फिलहाल चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि जो कहना था पहले दिन कह दिया है।

    नगर निगम में लेबर प्रकरण, वार्डों के विकास फंड और टेंडर प्रक्रिया को लेकर रंजीत मंडल ने मेयर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले 107 लेबर से जुड़े कथित घोटाले और बीते तीन वर्षों से हो रही होल्डिंग टैक्स वसूली पर जवाब दिया जाना चाहिए।

    उनकी पार्षद सदस्यता रद करने की बातें की जा रही हैं। यदि नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी या सामान्य बोर्ड में 1 से 51 पार्षदों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई का प्रस्ताव पारित हुआ है तो उसकी प्रमाणिक प्रति सार्वजनिक की जाए। ऐसा होने पर वे स्वयं इस्तीफा देने को तैयार हैं।

    उन्होंने बताया कि अगस्त 2023 में 107 लेबर से संबंधित प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी में रखा गया था, जिसे सभी सदस्यों ने पारित करने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद सामान्य बोर्ड में भी कई पार्षदों ने इस प्रस्ताव का बहिष्कार किया था। पार्षद पंकज गुप्ता ने भी विरोध किया था। अब उनके वार्ड में पहले 1.10 करोड़ और फिर 50 लाख की योजना का लाभ दिया गया है।

    रंजीत के मुताबिक वार्ड 13 में विकास कार्य पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ कराए गए हैं। 2023 में प्याऊ के बोरिंग में गड़बड़ी सामने आने पर संवेदक से दोबारा बोरिंग कराई गई। इसी कारण गुणवत्ता से समझौता करने वाले संवेदक उनके वार्ड में टेंडर डालने से परहेज करते हैं।

    उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ वार्डों को आवश्यकता से अधिक फंड दिया गया, जबकि कई वार्डों के साथ भेदभाव हुआ। नगर निगम की बोर्ड की अगली बैठक में सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। वे अपने आरोपों से जुड़े दस्तावेज मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

    साथ ही मेयर का अर्थी जुलूस नगर भ्रमण करते हुए निगम पहुंचेंगे। इसके दो दिनों बाद प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय पर अनशन भी करेंगे। इधर, पार्षद पंकज गुप्ता के मुताबिक 107 लेबर का मुद्दा इस कार्यकाल का नहीं है। जिस दिन मुद्दा बोर्ड में रखा गया था, उस दिन जेल में थे। रंजीत के पास अगर सबूत है तो दोषी पर प्राथमिकी दर्ज कराएं।