Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhagalpur Monsoon 2024: रक्सौल में ही ठिठका मानसून, वर्षा के लिए अभी और करना होगा इंतजार; पढ़ें IMD का अपडेट

    Updated: Tue, 25 Jun 2024 02:40 PM (IST)

    Bhagalpur Rain Forecast भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार भागलपुर जिले में एक जून से 20 जून तक 95.5 एमएम वर्षा होती रही है। इस बार महज 3.6 एमएम वर्षा ही हुई। अर्थात 96 प्रतिशत वर्षा नहीं हुई। 28 जून से वर्षा होने का पूर्वानुमान बताया जा रहा है। तापमान स्थिर रहेगा। उमस भरी गर्मी से अभी राहत मिलने वाली नहीं है।

    Hero Image
    रक्सौल में ही ठिठका मानसून, वर्षा के लिए अभी और करना होगा इंतजार (फोटो- ANI)

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। Bhagalpur Monsoon 2024 मानसून ने दिल तोड़ दिया। आसमान के ऊपर मानसून के बादल आता जाता रहा, लेकिन भागलपुर की धरती प्यासी रह गई। पिछले वर्षों के रिकॉर्ड अनुसार, आज तक अर्थात एक जून से 24 जून तक भागलपुर जिले में एक सौ एमएम वर्षा होने का औषत रहा है। इस बार लगभग शून्य रहा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानसून एक तो देर से आया। प्रदेश में 20 जून को प्रवेश किया। वह भी इतना सुस्त है कि फैल ही नहीं पा रहा है। मौसम विभाग की मानें तो नेपाल के बॉर्डर रक्सौल के समीप मानसून ठिठक गया है। अभी कई दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है।

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय की मौसम विज्ञानी डॉ. नेहा पारीक ने बताया की फिलहाल ऐसा ही मौसम बना रहेगा। कहीं-कहीं बुंदाबांदी हो सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, भागलपुर जिले में एक जून से 20 जून तक 95.5 एमएम वर्षा होती रही है। इस बार महज 3.6 एमएम वर्षा ही हुई। अर्थात 96 प्रतिशत वर्षा नहीं हुई।

    उमस भर्री गर्मी से नहीं मिलेगी राहत

    28 जून से वर्षा होने का पूर्वानुमान बताया जा रहा है। तापमान स्थिर रहेगा। उमस भरी गर्मी से अभी राहत मिलने वाली नहीं है। धरती प्यासी किसान बदहाल कृषि क्षेत्र में भले ही नित्य अनुसंधान हो रहे हों लेकिन यहां के किसान वर्षा पर ही आश्रित हैं। वर्षा नहीं होन के कारण धार का बिचड़ा नहीं बोवाई हो सका।

    हाइब्रिड धान पर टिकी किसानों की आस

    अब देशी धार के बिचड़े का समय समाप्त हो गया है। हाइब्रिड धान पर ही किसानों की आस टिकी है। अगर यही स्थिति रही तो बिहार का मुख्य फसल धान का उत्पादन प्रभावित होगा या फिर यूं कहें कि सुखाड़ की स्थिति में धान की रोपनी ही नहीं हो सकेगी।

    पेड़ पौधे, साक सब्जी सब मुर्झा गया है। सब्जी की खेती में किसानों को हर तीन दिनों पर सिचाई करनी पड़ रही है। गर्मी की वजह से साइज भी छोटा हो रहा है। अर्थात यूं कहें कि वर्षा नहीं होने से चारों ओर नुकसान ही नुकसान है।

    ये भी पढ़ें- Bihar Weather: आरा और वैशाली समेत बिहार के इन 8 जिलों में कब होगी वर्षा? आ गया मौसम विभाग का ताजा अपडेट

    ये भी पढ़ें- Bihar Weather: पूरे बिहार में कब तक दस्तक देगा मानसून? मौसम विभाग ने कर दिया क्लियर, वर्षा को लेकर ये है ताजा अपडेट