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    देशी चूजों से दूर होगा कुपोषण, बीपीएल परिवारों को मिलेगा रोजगार

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 09:43 PM (IST)

    भागलपुर में पशुपालन विभाग बीपीएल परिवारों के कुपोषित बच्चों को देशी चूजों के माध्यम से कुपोषण दूर करने की दिशा में काम कर रहा है। पशुधन मिशन योजना के ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भागलपुर। पशुपालन विभाग अब बीपीएल परिवारों के कुपोषित बच्चों को इससे दूर करने की दिशा में काम कर रहा है। दरअसल, विभाग अपने पोल्ट्री फार्म में देशी चूजों का विकास कर रहा है। जब चूजे पूरी तरह विकसित हो जाएंगे, उसके बाद उन्हें पशुधन मिशन योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों के बीच वितरित किया जाएगा।

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    हालांकि, जो बीपीएल परिवार चूजा लेना चाहते हैं, उन्हें पहले अपने प्रखंड कार्यालय में आवेदन देना होगा। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभुकों को चूजे दिए जाएंगे।

    मुर्गी देगी अंडा, खाकर बच्चे होंगे पोषित

    योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों को चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। कुछ ही दिनों में चूजे मुर्गी बन जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि चूजों को पालने के लिए किसी विशेष देखभाल की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि दिए जाने वाले चूजे देशी होंगे। ये चूजे घर के आसपास ही अपना भोजन खोजकर खा लेंगे।

    कुपोषण का शिकार विशेषकर बीपीएल परिवारों के बच्चे होते हैं। मुर्गियों द्वारा दिए जाने वाले अंडों का सेवन परिवार अपने बच्चों को करा सकता है, जिससे बच्चे पोषित हो सकेंगे। वहीं, जब मुर्गी अंडा देना बंद कर देगी, तो उसका मांस भी परिवार के उपयोग में आ सकेगा।

    बीपीएल परिवार को मिलेगा रोजगार

    इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों को प्रति चूजा दस रुपये की दर से चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। एक परिवार को अधिकतम 45 चूजे दिए जाएंगे। ऐसे में चूजों का पालन कर ये परिवार अपने घर पर ही छोटा पोल्ट्री फार्म स्थापित कर सकते हैं, जो आगे चलकर आमदनी का एक स्रोत बनेगा।

    इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों को प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क करना होगा। वहां से लाभुकों की सूची पशुपालन विभाग को भेजी जाएगी, जिसके बाद चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे।

    योजना के माध्यम से बीपीएल परिवार को स्वरोजगार देने का प्रयास है। वहीं अंडा का सेवन करने से कुपोषित बच्चे इससे निकल कर पोषित हो सकते हैं। जल्द ही चूजा का वितरण किया जाएगा। अभी चूजा निर्माण की प्रक्रिया जारी है। - डॉ. अंजनी कुमारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी