Bhagalpur News: नाथनगर में बाढ़ से 50 हजार से अधिक लोगों पर संकट, राहत पाने के लिए तरस रहे ग्रामीण
भागलपुर के नाथनगर में बाढ़ ने तबाही मचाई है सात पंचायतों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं पर सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। महिलाएं बच्चों के साथ ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। टीएमबीयू में भी पानी भर गया है जिससे कामकाज प्रभावित है।

जागरण संवाददाता, नाथनगर। नाथनगर के सात पंचायतों में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां के लोग अपने मवेशियों और छोटे बच्चों के साथ सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं। सरकार की ओर से अब तक कोई राहत सामग्री या सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है।
महिलाएं अपने दूधमुहे बच्चों के साथ ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। गोसाईंदासपुर-शाहपुर मार्ग पर चार फीट से अधिक पानी बह रहा है, जिससे स्थानीय लोग असहाय महसूस कर रहे हैं।
चुनाव के समय पंचायत और जिला स्तर के प्रतिनिधि केवल वोट मांगने तक सीमित रहते हैं, लेकिन इस संकट के समय कोई मदद के लिए आगे नहीं आया है। लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि 'हे भगवान, इस दुख से हमें जल्दी मुक्ति दिलाओ।'
बाढ़ ने किसानों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। शंकरपुर, बैरिया, राघोपुर, रन्नूचक, भुवालपुर, भतोरिया और बिलखोरिया जैसे क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो रही हैं।
बैरिया पंचायत के सरपंच आशुतोष कुमार ने बताया कि दियारा क्षेत्र में सब्जी की खेती होती है, जो बाढ़ में पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अनुमान के अनुसार, सातों पंचायतों में किसानों को सब्जी की फसल में एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
वहीं, टीएमबीयू (तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) की स्थिति भी गंभीर है। शुक्रवार की शाम तक बाढ़ का पानी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में प्रवेश कर गया था।
विद्यार्थियों और अन्य लोगों को सुरक्षित रूप से विश्वविद्यालय पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। विवि की कैश शाखा में विद्यार्थियों को पानी में जाकर फार्म लेने की मजबूरी का सामना करना पड़ा।
सीनेट सदस्य रंजीत कुमार ने बताया कि पानी की बढ़ती हुई स्थिति से सभी शाखाओं ने अपने जरूरी दस्तावेजों को सुरक्षित स्थानों पर रख लिया है। रूटीन कार्यों में बाधा आ रही है, क्योंकि फाइलों की मांग पर कर्मियों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
टीएमबीयू के लालबाग स्थित आवासीय परिसर में भी बाढ़ का पानी शिक्षकों के आवास में प्रवेश कर गया है। कई शिक्षकों ने आवास खाली कर दिया है, जबकि कुछ ने ग्राउंड फ्लोर से प्रथम तल पर शिफ्ट होने का निर्णय लिया है।
छात्राओं को भी सुरक्षा कारणों से हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है। कुलपति आवास के समीप बाढ़ का पानी फैल गया है, जिससे कर्मियों को ठेले का सहारा लेना पड़ रहा है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और परीक्षा तिथि को लेकर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर निर्णय लिया जाएगा।
कुलसचिव डॉ. रामाशीष पूर्वे ने कहा कि बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आगे की स्थिति के अनुसार आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।
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