भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष : टुनटुन व विपिन दोनों को मिला धोखा, 11 पार्षदों खाया किसी और का वोट किया किसी और को
भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव में अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह और विपिन कुमार मंडल दोनों को पार्षदों से धोखा मिला। अनंत कुमार के सात और विपिन मंडल के ...और पढ़ें

अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह और विपिन कुमार मंडल
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों को पार्षदों ने दगा दिया है। अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह को सात तो विपिन कुमार मंडल के साथ चार पार्षदों ने गद्दारी की है। पांच पार्षदों ने अधिक फायदा देखकर विपिन मंडल के पक्ष में वोट किया है। हालांकि इस संबंध में न तो अनंत कुमार कुछ बोल रहे हैं और न ही विपिन कुमार मंडल ही कुछ बोल रहे हैं।
पांच पार्षदों ने अधिक फायदा देख विपिन के पक्ष में किए वोट
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष पद को लेकर दोनों अनंत कुमार और विपिन कुमार मंडल ने सारी शक्ति लगा दी थी। दोनों ही ओर पार्षदों को अपने-अपने पक्षों में किया गया था। अनंत कुमार 22 पार्षदों के साथ होने का दावा अंत तक करते रहे। पार्षदों व उनके परिजनों के साथ 17 दिनों तक रहे। पार्षदों ने मनमाफिक भोजन व ड्रिंग का इस्तेमाल किया। समुद्र में स्नान किया। पर्यटन स्थल घूमने गए। मंदिरों में पूजा की और अनंत कुमार को पूरी तरह साथ देने का भरोसा दिया।
जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों को पार्षदों ने दिया दगा
वोटिंग वाले दिन भी बाबा वैद्यनाथ और शहर के बूढ़ानाथ मंदिर में पूजा की और साथ-साथ वोटिंग वाले स्थल पर पहुंचे। अनंत कुमार को यह भनक नहीं लग पाई कि उनके साथ 17 दिनों तक रहने वाले पार्षद विरोध में वोटिंग करेंगे। सात पार्षदों ने अनंत कुमार के खिलाफ वोटिंग कर दी। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी अनंत कुमार को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा है कि अनंत कुमार ने विरोध में वोटिंग करने वाले पार्षदों के स्वागत में कमी कर दी। ढाई पैसा स्वागत करने की वजह से ऐसे पार्षदों ने अनंत के साथ दगा कर दी। पांच प्रत्याशी को पांच पैसा का फायदा हुआ, जिसके कारण विपक्ष में वोट किया। कहलगांव व भागलपुर अनुमंडल के तीन-तीन और नवगछिया अनुमंडल के एक पार्षद ने अनंत कुमार के साथ गद्दारी की है।
अनंत कुमार के सात तो विपिन मंडल के साथ चार ने की गद्दारी
विपिन कुमार मंडल के साथ चार पार्षदों ने गद्दारी की है। विपिन के साथ 19 पार्षद थे। कहलगांव व भागलपुर अनुमंडल के दो-दो प्रत्याशियों ने विपिन मंडल के पक्ष में वोट नहीं किया। 11 ऐसे पार्षद थे, जिन्होंने अपने को दोनों ओर बता रहे थे। ऐसे पार्षदों खाया किसी और का वोट किया किसी और को। अनंत कुमार का कहना था कि 22 पार्षद हमारे साथ थे, लेकिन 15 पार्षदों ने हमपर भरोसा जताया। वहीं विपिन मंडल को भरोसा था कि क्रास वोटिंग हेगी और हम जीतेंगे। हुआ भी ऐसा ही। उनका कहना है कि काम के आधार पर पार्षदों ने हमपर भरोसा जताया है। उन्होंने लेन-देन के मामले को खरिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों के काम और व्यवहार की बदौलत पार्षदों ने हमपर भरोसा जताया है। खेर जो भी, विपिन मंडल अब जिला परिषद अध्यक्ष बन गए हैं। विपिन मंडल और अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह को 15-15 वोट मिले। फिर टास हुआ और विपिन मंडल चुनाव जीत गए।
उपाध्यक्ष के चुनाव में हुआ था क्रास वोटिंग
उपाध्यक्ष के चुनाव में हुआ था क्रास वोटिंग में उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग हुई थी। प्रणव कुमार के साथ 20 पार्षद थे और 16 पार्षदों ने प्रणव कुमार के पक्ष में मतदान किया था। वहीं मिथुन कुमार के पक्ष में 21 पार्षदो का समर्थन था, लेकिन वोटिंग के समय मात्र 15 पार्षदों ने ही वोटिंग की थी। 16 पार्षदों का समर्थन मिलने की वजह से प्रणव कुमार की जीत हुई थी। 2016 में हुए चुनाव में अनंत कुमार को 17 पार्षदों का समर्थन था और शिव कुमार के पास 20 पार्षदों का समर्थन था। क्रास वोटिंग की वजह से अनंत कुमार की जीत हुई थी।

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