डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए सफेद बैंगन खाना कितना असरदार? शोध में सच आया सामने
बीएयू के विज्ञानियों ने मधुमेह को नियंत्रित करने का तरीका खोज निकाला है। विज्ञानियों के अनुसार शुगर के मरीज अगर खाने में सफेद बैंगन को शामिल करते हैं तो उससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वैज्ञानिक सफेद बैंगन के नए प्रभेद विकसित करने में जुटे हैं। जल्द ही ये किसानों के लिए भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। देश में मधुमेह मरीजों की संख्या बड़ी चुनौती है। भागदौड़ वाली जीवनशैली और अनियंत्रित खान-पान मधुमेह मरीजों की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह है। बीएयू के विज्ञानियों ने मधुमेह को नियंत्रित करने का तरीका खोज निकाला है। जी हां, बीएयू के कृषि विज्ञानियों की शोध में यह सामने आया है कि अगर आप अपने आहार की थाली में सफेद बैंगन को शामिल कर लें तो काफी हद तक मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकेगा।
शोध में जुटे विज्ञानी
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के वैज्ञानिकों की टीम सफेद बैंगन के नए प्रभेद विकसित करने में जुटी हुई है, उनका शोध अंतिम चरण में है।
बहुत जल्द बैंगन की नई किस्म किसानों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। बताते चलें कि इससे पहले विश्वविद्यालय ने बैंगन की दो किस्म विकसित की है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है।
बैंगन में हैं कई पौष्टिक तत्व
खाने में स्वादिष्ट बैंगन की खेती पूरे देश में होती है। यह स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। सफेद बैंगन में पोटेशियम, कॉपर, मैग्नीशियम, विटामिन बी जैसे पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है। बैंगन कई रंग के होते हैं, सभी रंग के बैंगन पोषक तत्व से भरपूर होते हैं।
इसकी सब्जी में फाइबर, विटामिन, सूक्ष्म पदार्थ एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के भंडार हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इसीलिए मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह सब्जी बहुत अच्छी होती है।
कैसे है सफेद बैंगन खास
- सफेद बैगन के सेवन से टाइप 2 मधुमेह पर नियंत्रण पाया जा सकता है। स
- सफेद बैंगन में अधिक मात्रा में क्लोरोजेनिक एसिड पाया जाता है।
- यह एक फेनोलीक यौगिक है, इसमें कम मात्रा में शर्करा उपलब्ध होता है।
- इसमें फेनोलीक यौगिक एवं फ्लावोनोइड एंटीआक्सिडेंट के रूप से काम करता है।
- यह कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में भी सहायक है।
क्या कर रहा बीएयू
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विभाग की विज्ञानी डॉ. सीरीन अख्तर कहती हैं कि सफेद बैंगन के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी होने के बाद भी बेहतर प्रभेद नहीं होने के कारण सफेद बैंगन का उत्पादन नगण्य है। विज्ञानियों की टीम सफेद बैंगन के प्रभेद विकासित करने पर कार्यरत है।
कम बीज वाले उच्च फलनशील किस्म किसानों की मांग रहती है और इसी पर शोध कार्य प्रगति पर है। सफेद बैंगन के प्रति जो नहीं सेवन करने की भ्रांतियां हैं उसके लिए भी किसानों के बीच जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
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