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BARC में साइंटिफिक आफिसर नियुक्त किया गया पूर्णिया का लाल अहमद फराज, मिसाइल मैन को मानता है आदर्श

Bhabha Atomic Research Center (BARC) में पूर्णिया के अहमद फराज की नियुक्ति साइंटिफिक आफिसर के रूप में हुई है। वे मिसाइल मैन भारत रत्न अब्दुल कलाम को अपना आदर्श बताते हैं। फराज का कहना है कि वे देश के बिजली उत्पादन में कोयले की छुट्टी कराना चाहते हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:55 AM (IST)
BARC में साइंटिफिक आफिसर नियुक्त किया गया पूर्णिया का लाल अहमद फराज, मिसाइल मैन को मानता है आदर्श
BARC में साइंटिफिक आफिसर के पद पर नियुक्त हुआ अहमद फराज।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया : माधोपाड़ा कालोनी पूर्णिया के रहने वाले अहमद फराज हसन देश में बिजली उत्पादन को कोयले से हटा कर न्यूक्लियर पर शिफ्ट करना चाहते हैं। डा. एपीजे अब्दुल कलाम (मिसाइल मैन) को अपना आदर्श मानने वाले अहमद फराज हसन न्यूक्लियर सेक्टर को विकसित करने के लिए काम करना चाहते हैं। शहर के लोग कहते हैं कि अहमद फराज ने भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर (BARC) में साइंटिफिक आफिसर बन कर 251 साल पुराने पूर्णिया का मान बढ़ाया है। इस जिले से भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर जाने वाले अहमद फराज पहले शख्स हैं। शुरुआती पढ़ाई उर्स लाइन में करने वाले अहमद फराज ने मैट्रिक और बारहवीं की परीक्षा मिल्लिया कांन्वेंट से की। हसन ने मैट्रिक 2013 में और बारहवीं 2015 में पास की। उसके बाद बीटेक करने के लिए जब टेस्ट दिया तो उन्हें चार जगह के लिए चुना गया।

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जामिया मिलिया इस्लामिया, आरवी कालेज बैंगलोर, मरीन इंजीनियरिंग और जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता में उनका चयन हुआ। लेकिन अहमद फराज हसन ने जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता को चुना और वहीं से केमिकल इंजीनियरिंग स्ट्रीम में बीटेक की पढ़ाई 2019 में पूरी की। बीटेक के तीसरे साल में कैंपस सलेक्शन के दौरान उन्हें नौकरी मिल गई। एक साल नौकरी भी की लेकिन उन्हें कुछ और करना था। नवंबर, 2020 में जब बीएआरसी यानी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की परीक्षा हो रही थी तो उसमें अहमद फराज हसन ने भी परीक्षा दी। परीक्षा पास करने के बाद उसे इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।

अहमद फराज कहते हैं कि इसका इंटरव्यू वाला पार्ट ही सबसे महत्वपूर्ण होता है। करीब एक घंटे और पंद्रह मिनट के इंटरव्यू के बाद उनको साइंटिफक आफिसर के चुना गया और फिर बीएआरसी के ही ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया गया। इस बार आठ महीने की ट्रेनिंग हुई वर्ना आम तौर पर एक साल की ट्रेनिंग होती है, जिसके बाद मेरिट लिस्ट जारी की गई और उनको साइंटिफिक आफिसर के रूप में नियुक्ति पत्र दिया गया।


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