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Bhagalpur: मां के हत्यारोपी के जेल से छूटने पर दहशत में बेटी, बोली- 'कैसे जाएं पढ़ने अब हमें भी मार डालेगा'

तीन दिसंबर को नीलम देवी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। अब इस मामले में जेल में बंद आरोपी शेख शकील जेल से बाहर आ गया है। इसके बाद नीलम का परिवार दहशत में है। बेटी ने कहा है कि कैसे जाएं पढ़ने मम्मी को मार डाल अब हमें और भाइयों को भी मार डालेगा। हालांकि पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर दिए हैं।

By Kaushal Kishore MishraEdited By: Jagran News NetworkPublished: Sat, 26 Aug 2023 03:43 PM (IST)Updated: Sat, 26 Aug 2023 03:43 PM (IST)
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, भागलपुर : पीरपैंती के छोटी दिलौरी गांव में नीलम देवी  (Neelam Devi Murder Case) की तीन दिसंबर को नृशंस हत्या में जेल में बंद शेख शकील के जेल से बाहर आने के बाद नीलम का परिवार दहशत में है।

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शकील की तरफ से धमकी दिये जाने की घटना बाद पीरपैंती अंचल इंस्पेक्टर लाल बहादुर पुलिस बल के साथ छोटी दिलौरी गांव पहुंचे।

दहशतजदा स्वजनों से मिलकर घटनाक्रम की जानकारी ली। पीड़ित परिवार में पुलिस का भरोसा जगाते हुए सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया।

पुलिस ने गांव का लिया जायजा

अपराधियों की सक्रियता की जानकारी ले त्वरित कार्रवाई की बात कही है। नीलम की पुत्री नीतू कुमारी ने जेल से छूटे शेख शकील की तरफ से दी गई धमकी मामले में केस दर्ज कराने के लिए पीरपैंती थाने में अर्जी दे दी है। पीरपैंती थाने की गश्ती दल भी गांव पहुंच हालात का जायजा लिया।

नीतू ने अंचल इंस्पेक्टर को जानकारी दी कि उसकी मां की हत्या करने वाला जेल से छूट गया है। वह पूरे परिवार को मार डालने की धमकी दे रखा है।

शकील अपने साथ तीन-चार लोगों को लेकर घूमता है। पूरा परिवार अनहोनी की आशंका से दहशत में है। मां की हत्या बाद पीरपैंती थाने से पुलिसकर्मियों (Bihar Police) को तैनात किया गया था।

पढ़ने जाने लगी थी नीतू

आरोपित के जेल जाने के बाद वह पढ़ने जाने लगी थी। स्नातक की पढ़ाई कर रही है। दोनों भाई कुंदन और चंदन भी पढ़ाई करने लगा था।

शकील के जेल से छूटने और धमकी देने के बाद भय लगने लगा है। क्या पता कब किसे मार डालेगा। वह कैसे पढ़ाई को जाएगी।

गांव से निकल कर पीरपैंती बाजार, कालेज जहां भी जाना होगा तो उसके लिए एक ही रास्ता है वह अजगरा पहाड़ी से सटे घनी झाड़ियों वाले रास्ते से ही गुजर कर जाना है।

कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। उस रास्ते से केवल छोटी दिलौरी गांव के लोग ही नहीं बल्कि दस गांवों के लोगों को आवाजाही का एक मात्र वही रास्ता है।

नीतू को लगता है डर

जहां शेख शकील और जुद्दीन तथा उसके नाते-रिश्तेदारों ने बसेरा बना रखा है। नीतू ने पुलिस को जानकारी दी है कि उस रास्ते आवाजाही में किसी तरह का भय नहीं था लेकिन जब मम्मी की उनलोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी और धमकी देने के बाद से काफी भय लगता है।

अजगरा पहाड़ की तलहटी पर अनाधिकृत रूप से भी कई लोग शरण लेते हैं। वहां कटिहार, किशनगंज, झारखंड के साहेबगंज, मालदा के कलियाचक से भी कुछ बदमाश रहते हैं, जिनमें मवेशी चोरों की संख्या अधिक है ।

अजगरा पहाड़ी की तलहटी में नहीं खुला पुलिस शिविर

अजगरा पहाड़ी की तलहटी में नीलम हत्याकांड (Neelam Devi Murder Case) के बाद एसएसपी के प्रभार में रहे सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने तब लोगों की सुरक्षा लिए पुलिस शिविर स्थापित करने की अनुशंसा की थी। लेकिन तब उनकी तरफ से की गई अनुशंसा फाइलों में ही दबकर रह गई।

उस रास्ते से छोटी दिलौरी के अलावा बड़ी दिलौरी, कामत, टोपरा, चटैया, एकावना, काली प्रसाद, मौल टोला, सिंघिया टोली, श्रीमतपुर गांव के लोग भी पीरपैंती बाजार और प्रखंड कार्यालय जाया करते हैं।


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