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    उर्स को लेकर अमरथ दरगाह पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, यहां चादरपोशी से सबकी मन्‍नतें होती है पूरी

    By Amrendra kumar TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 23 Feb 2021 06:10 AM (IST)

    जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर पश्चिम सदर प्रखंड के अमरथ गांव में सैयद अहमद खान गाजी जाजमेरी का मजार है। ऐसी मान्यता है कि लगभग 700 वर्ष पहले बादशाह अकबर के जमाने में तुगलक खानदान के सैयद अहमद खान गाजी जाजनेरी उर्फ अमरथ बाबा के पूर्वज थे

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    सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं से पटा रहा अमरथ दरगाह

    जागरण संवाददाता, जमुई। शहर स्थित प्रसिद्ध अमरथ दरगाह में प्रत्येक वर्ष 22 फरवरी को धूमधाम से उर्स का आयोजन किया जाता है। यहां लोग अपनी मुरादें मांगने के लिए आते हैं। उर्स को लेकर 20 फरवरी से ही दूर-दराज से लोगों का आना शुरू हो जाता है। इस दरगाह पर सभी समुदाय के लोग अपनी मन्नतें लेकर पहुंचते हैं। सोमवार को चादरपोशी के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ सुबह से शाम तक लगी रही। पूरा गांव भक्तिमय बना रहा। जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर पश्चिम सदर प्रखंड के अमरथ गांव में सैयद अहमद खान गाजी जाजमेरी का मजार है। ऐसी मान्यता है कि लगभग 700 वर्ष पहले बादशाह अकबर के जमाने में तुगलक खानदान के सैयद अहमद खान गाजी जाजनेरी उर्फ अमरथ बाबा के पूर्वज थे और कई दशकों पहले अमरथ गांव आए थे। जब उन्होंने यहां अपना बसेरा डाला तो देखा कि लोगों के बीच पेयजल की भारी किल्लत है। इस किल्लत को देखते हुए उन्होंने यहां तालाब खुदवाया। गाजी बाबा की मृत्यु के बाद उन्हें यहीं पर दफनाया गया जो आज भी एक मजार के रूप में है। यहां पहले मुजाबीर के रूप में मु. कुदरत अंसारी को प्रतिनियुक्त किया गया था।

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    उर्स के अवसर पर लगा भव्य मेला

    21 फरवरी से शुरू होने वाले उर्स के मौके पर मेला का भी आयोजन किया गया है। उर्स में आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु चादरपोशी करने के बाद मेला का भी आनंद ले रहे हैं। सोमवार को मेला में तारामाची, काठघोड़ा, मौत का कुआं,ब्रेक डांस, नाव सहित विभिन्न प्रकार के झूला लगा हुआ था। उर्स में आये श्रद्धालु मजार का दर्शन करने के बाद मेला का लुत्फ भी उठा रहे थे।

    चादर और मिठाई की सजी थी दुकानें

    उर्स के मौके पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मजार के समीप काफी संख्या में चादर और मिठाई की दुकान सजी हुई थी। श्रद्धालु चादर और मिठाई खरीद कर मजार पर पहुंच कर चादरपोशी करते नजर आ रहे थे। मुज्जफरपुर के मिठाई दुकानदार मु. वसीम और मु. चांद ने बताया कि वे लोग काफी सालों से दुकान लगाते आ रहे है। वहीं चादर और अगरबत्ती बेचने वाले मु. शहीद ने बताया कि मजार पर चढ़ाने के लिए फूल का चादर और कपड़े का चादर श्रद्धालुओं द्वारा खरीदा जाता है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के मिठाई की भी दुकानें सजी थीं।

    कई राज्यों से पहुंचते है श्रद्धालु

    कमेटी के सचिव ने बताया कि खान गाजी बाबा के मजार पर आस-पास के जिला सहित तीन से चार राज्य के द्वारा श्रद्धालु पहुंचते है। उन्होंने बताया कि कोलकता, झारखंड, महाराष्ट्रा, उड़ीसा, दिल्ली सहित आस-पास जिले जैसे नवादा, लखीसराय, शेखपुरा, बिहार शरीफ, मुंगेर, भागलपुर सहित पूरे जिले भर के सभी धर्म के लोग मजार पर पहुंचते है।

    मेला में चौकस दिखी पुलिस

    उर्स मेला को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुश्तैद दिखी। मेला के द्वारा किसी तरह की कोई परेशानी श्रद्धालुओं को न हो इसलिए जगह-जगह पुलिस के जवान को तैनात किए गए थे। खासकर मजार के समीप पुलिस के जवान पूरी तरह चौकस दिख रहे थे। हर आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। वहीं कमेटी के सदस्यों द्वारा माइक पर भी लगातार दिशा निर्देश दिया जा रहा था।थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि आधा दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस जवान की तैनाती की गई है।