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    Bhagalpur News: भागलपुर की इस प्रसिद्ध नदी पर बनेगा 32 करोड़ का आरसीसी पुल, 8 एजेंसियों ने भरा टेंडर

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 01:55 PM (IST)

    भागलपुर के सुलतानगंज से दुम्मा कच्ची कांवड़ियां पथ पर बढ़ुआ नदी पर 32 करोड़ 34 लाख की लागत से बनने वाले उच्चस्तरीय टू-लेन आरसीसी पुल के लिए 8 एजेंसियों ने टेंडर भरा है। मूल्यांकन में सभी एजेंसियां पास हो गई हैं। अगले माह पुल बनाने वाली एजेंसी का चयन होगा। पुल का निर्माण मई-जून से शुरू होकर 2026 तक पूरा होगा।

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    भागलपुर की प्रसिद्ध नदी पर बनेगा 32 करोड़ का आरसीसी पुल (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। कांवड़ियों की सुविधा के लिए सुलतानगंज से दुम्मा कच्ची कांवड़ियां पथ के 34वें किलोमीटर पर स्थित कुमरसार से धौरी के बीच बढ़ुआ नदी पर 32 करोड़ 34 लाख की लागत से उच्चस्तरीय टू-लेन आरसीसी पुल बनाने के लिए भोलानाथ फ्लाईओवर बना रही एजेंसी सहित आठ एजेंसियों ने टेंडर में हिस्सा लिया है।

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    मूल्यांकन में टेंडर भरने वाले सभी एजेंसियां पास हो गई हैं। अगले माह पुल बनाने वाली एजेंसी का चयन होना है। विभाग की योजना मई-जून से पुल निर्माण शुरू और 2026 तक पूरा करने की है।

    किस-किस ने भरा टेंडर? 

    टेंडर भरने वालों में देवघर के मनोज कुमार सिंह, बेगुसराय के मेसर्स जय माता दी, जमशेदपुर के त्रिवेणी इंजीकान, झारखंड के राजवीर कंस्ट्रक्शन, बेगुसराय के राजेश कुमार, भागलपुर के मेसर्स श्रीराम इंटरप्राइजेज, देवघर के सतीश कुमार व पटना के एसबी इंजीकान प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

    इधर, निविदा की तकनीकी बिड में सभी सफल एजेंसियों का अनुभव प्रमाण पत्र की जांच बिहार राज्य पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर के वरीय परियोजना अभियंता ने की है और तकनीकी बिड में सफल घोषित की गई है।

    आपत्ति के लिए 24 मार्च लास्ट डेट

    समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि निगम वेबसाइट पर तीन दिनों तक इसको रखा जाएगा। यदि 24 मार्च तक निविदा से संबंधित किसी प्रकार की आपत्ति प्राप्त होती है तो उच्चस्तरीय तकनीकी बिड मूल्यांकन समिति द्वारा पुन: समीक्षा के लिए बैठक की जाएगी।

    यदि किसी भी निविदाकारों के अनुभव प्रमाण पत्र व कागजात में विसंगति या गलत पाया जाता है तो उनके निविदा को अमान्य कर कार्रवाई की जाएगी।

    • तकनीकी बिड में सफल एजेंसियों की फाइल वित्तीय बिड का अनुमोदन के लिए निदेशक पर्षद के समक्ष उपस्थित किया जाएगा।
    • जिनका बिड रेट सबसे कम होगा, उनके नाम से वित्तीय बिड खुलेगा और एजेंसी चयनित कर ली जाएगी। इसके बाद उन्हें वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा।

    इंजीनियरिंग कॉलेज से ममलखा तक 24 घंटा रहता जाम

    लंबे समय के इंतजार के बाद जब एनएच का निर्माण कार्य सबौर क्षेत्र में आरंभ हुआ तो लोगों में खुशी और संतोष के भाव दिखने लगा। कार्यकारी एजेंसी के काम करने के तरीके और कुव्यवस्था के आलम की वजह से निर्माण कार्य सरदर्द बन गया है। आधी सड़क पर दोनों ओर से भारी वाहनों के परिचालन की वजह से 24 घंटा जाम रहता है। बीच-बीच में झाम खुलता है और थोड़े ही देर में फिर जाम लग जाता है।

    जाम के इस झाम से आवाम परेशान हो गई है। कार्यकारी एजेंसी को लोगों के परेशानी से कोई मतलब नहीं काम की गति धीमी ही नहीं बीच बीच में कई दिनों तक काम बंद रहता है।

    एक साइड में जहां तहां थोड़ा दूरी तक फाइनल ढलाई कर दिया गया है जिसका छड़ दोनों ओर निकला है जिससे लोग चोटिल हो रहे हैं। दूसरी ओर, इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पूरी सड़क खोद दी गई ,है जिसमें वाहन तो अक्सर फंसते ही हैं, धूल की आंधी भी चलती है।

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