Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    मालगाड़ी हादसा: भागलपुर से गुजरीं पटना-हावड़ा लाइन की 21 ट्रेनें, कुछ के कैंसिल और डिरेल होने से यात्री रहे परेशान

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:50 AM (IST)

    मालगाड़ी दुर्घटना के कारण पटना-हावड़ा रेलखंड बाधित हो गया है। इसके चलते किऊल-भागलपुर रेलखंड पर ट्रेनों का दबाव बढ़ गया। 21 ट्रेनों को भागलपुर, हंसडीहा ...और पढ़ें

    Hero Image

    जमुई में रेल हादसे के बाद पुल के नीचे गिरे डिब्बे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। पटना-हावड़ा रेलखंड स्थित टेलवा बाजार हाल्ट के पास मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से किऊल-भागलपुर रेलखंड पर ट्रेनों का दबाव अचानक बढ़ गया है। हादसे के बाद सुरक्षा और मरम्मत कार्य को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया। मेन लाइन की 21 ट्रेनों को भागलपुर, हंसडीहा व बैंका होकर चलाई गई। इससे रविवार को इस रेलखंड पर सामान्य से अधिक ट्रेनों की आवाजाही हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रूट बदलने का सीधा असर भागलपुर जंक्शन सहित आसपास के स्टेशनों पर देखने को मिला। अतिरिक्त ट्रेनों के कारण प्लेटफार्मों पर भीड़ बढ़ गई। कई ट्रेनें निर्धारित समय से विलंब से पहुंचीं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री असमंजस की स्थिति में दिखे।

    इसकी वजह से अप और डाउन में गोड्डा-रांची एक्सप्रेस भागलपुर से निरस्त रही। इसके कारण यात्रियों को परेशानी हुई। इस ट्रेन से भागलपुर उतरने वाले यात्रियों को गोड्डा से दूसरे ट्रेन से या फिर सड़क मार्ग से आना पड़ा। वहीं, भागलपुर से निरस्त होने के कारण डेढ़ सौ से अधिक लोगों को टिकट कैंसिल करना पड़ा। यह ट्रेन देवघर होकर चलाई गई।

    कुछ यात्रियों ने बताया कि अचानक मार्ग परिवर्तन की जानकारी उन्हें स्टेशन पहुंचने के बाद मिली, जिससे आगे की यात्रा की योजना प्रभावित हुई।रेलवे के अनुसार, बेलवा बाजार हाल्ट के पास हादसे में मालगाड़ी के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस कारण मुख्य लाइन बाधित हो गई और परिचालन को सुरक्षित रखने के लिए ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजना पड़ा।

    मरम्मत और ट्रैक बहाली का कार्य तेजी से किया जा रहा है। लेकिन इसमें समय लगने की संभावना जताई जा रही है। भागलपुर रेलखंड पर पहले से ही नियमित ट्रेनों का दबाव रहता है। ऐसे में अतिरिक्त ट्रेनों के परिचालन से सिग्नल और परिचालन व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। रेलवे कर्मचारियों को अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करनी पड़ रही है।

    वहीं, कुछ स्थानीय ट्रेनों के समय में भी आंशिक बदलाव देखा गया, जिससे दैनिक यात्रियों को भी असुविधा हुई। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति की जानकारी अवश्य ले लें।

    यदि ट्रैक बहाली का कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ, तो सोमवार को भी कुछ ट्रेनें बदले हुए मार्ग से गुजर सकती हैं। ऐसे में आने वाले एक-दो दिनों तक किऊल-भागलपुर रेलखंड पर ट्रेनों का दबाव बने रहने की संभावना है।

    इधर, डाउन विक्रमशिला एक्सप्रेस अपने तय से 13 घंटे की देरी से, जनसेवा एक्सप्रेस चार घंटे विलंब से भागलपुर आई। ब्राह्मपुत्र व फरक्का एक्सप्रेस के संचालन की भी यही स्थिति रही। रेलवे अधिकारियों के अनुसार उक्त ट्रेनों के विलंब संचालन का कारण घना किहरा है न कि मालगाड़ी दुर्घटना का असर पड़ा है।