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    कथा का सबसे बड़ा प्रसाद प्रसन्नता : पुंडरीक गोस्वामी

    By Edited By:
    Updated: Tue, 22 Nov 2016 02:51 AM (IST)

    भागलपुर। नया बाजार स्थित गोशाला में चल रहे श्रीमद्भागवत गीता के चतुर्थ दिवस पर श्रीराम जन्मोत्सव, श्

    भागलपुर। नया बाजार स्थित गोशाला में चल रहे श्रीमद्भागवत गीता के चतुर्थ दिवस पर श्रीराम जन्मोत्सव, श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बारे में भक्तों को अवगत कराया गया। पुण्डरीक गोस्वामी महाराज जी ने भक्तों को श्रीराम जन्म सहित पूरे जीवन को दर्शाया गया। उन्होंने कथा के दौरान कहा कि कथा का सबसे बड़ा प्रसाद प्रसन्नता ही होता है। प्रत्येक परिस्थिति में मनुष्य को प्रसन्न रहना चाहिए। भगवान राम के जीवन से हमें मर्यादीत होने, अनुशासन सहित जीवन जीने का आधार बताती है। वहीं श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर बधाई एवं झांकी प्रस्तुत की गई। भाद्र मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के मध्य रात्रि को भगवान श्री कृष्ण ने बाल रूप में जनकल्याण हेतू अवतार लिया। नरसिंह भगवान की भी चर्चा की गई। सभी भक्तों ने नरसिंह भगवान की जयकारा लगाई। पंडाल में बैठें सभी लोगों ने श्री राम जयराम जयजय राम, हरि बोल, राधे राधे भगवान के नाम से गूंज रहा था।

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    कथा वाचक पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि साधन और साध्य भगवान के कृपा से ही होता है। प्रेम को परिभाषित करना कठिन होता है। भावना को कोई भी स्पष्ट रुप में प्रकट नहीं कर सकता। जन्मोत्सव पर मुख्य रुप से शहर के मेयर दीपक भुवानियां, श्रवण बाजोरीया, गोपाल खेत्रीवाल, विनोद अग्रवाल, विमल अग्रवाल, चांद झुनझुन वाला, गोपाल भारती, वीर अग्रवाल, अनिल बंका आदि कई लोग उपस्थित थे। इसकी जानकारी चांद झुनझुन वाला ने दी।

    भक्तों की उमड़ी भीड़

    कथा के चतुर्थ दिवस पर शहर के अलावा दूर दराज के लोग भी शामिल होने के लिए आए। कई भक्तों ने बताया कि वे लोग अपने अपने रिश्तेदार के घर आकर रुके है। कथा का सुनने के लिए ही वे भागलपुर आए है। सुनकर अपने आप को धन्य मान रहे थे।

    धार्मिक सामग्री की लगी स्टॉलें

    धार्मिक सामग्री पुस्तक श्रीमद़भागवत गीता, रामायण, चालीसा पाठ संग्रह की अनेक पुस्तक के स्टॉल, पूजा सामग्री, विध्ननाशक अष्टधातु की अंगूठी, शांति के लिए नौ ग्रह माला, रुद्राक्ष, नवरत्‍‌न की माला आदि की स्टॉलें लगी है। दुकानों पर भी लोगों का भीड़ लगा दिखा।

    सुरक्षा

    जिला प्रशासन की ओर से कथा परिसर में समुचित व्यवस्था कर दी है। ताकि भक्तों को किसी भी तरह के समस्या का सामना ना करना पड़े।

    चाय पानी की व्यवस्था

    भक्तों के लिए नि:शुल्क शुद्ध जल व चाय की व्यवस्था की गई है।