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    Sharda Sinha News: शारदा सिन्हा को था ससुरालवालों से गहरा लगाव, हर बार छठ में आती थीं घर

    Updated: Wed, 06 Nov 2024 12:39 AM (IST)

    पद्म भूषण से सम्मानित स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। उनके ससुराल मटिहानी प्रखंड के सिहमा गांव में शोक की लहर है। शारदा सिन्हा पटना में रहती थीं लेकिन उनका लगाव अपने ससुराल से कम नहीं था। वह हर साल छठ में अपने ससुराल आती थीं। पिछले दो सालों से स्वास्थ्य कारणों से वह छठ में नहीं आ पाई थीं।

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    अपनी देवरानी के साथ बिहार कोकिला शारदा सिन्हा।

    वीरेंद्र कुमार, मटिहानी (बेगूसराय)। पद्म भूषण से सम्मानित स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन की खबर मिलते ही उनके ससुराल में शोक की लहर दौड़ गई। शारदा सिन्हा पटना में भले ही रहती थीं, पर उनका लगाव अपने ससुराल मटिहानी प्रखंड के सिहमा गांव से कम नहीं था।

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    2 साल पूर्व तक वह हर साल छठ में अपने ससुराल सिहम जरूर आया करती थीं। इधर, दो वर्षों से स्वास्थ्य कारणों से वह छठ में नहीं आई थीं। शारदा सिन्हा के देवर जय किशोर सिंह उर्फ नितो दा बताते हैं कि सेलिब्रिटी होने के बाद भी गांव से उनका कम लगाव नहीं था।

    उन्होंने बताया कि शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिंह हम तीनों भाई में सबसे बड़े थे, नंदकिशोर सिंह और सबसे छोटा मैं था। उन्होंने बताया कि 1965 के आसपास उनका विवाह सहरसा जिला हुलास गांव निवासी सुखदेव ठाकुर की पुत्री जो मुजफ्फरपुर में पढ़ रही शारदा सिन्हा से हुआ।

    परिवार के साथ शारदा सिन्हा।

    शारदा सिन्हा के पिता सुखदेव ठाकुर समस्तीपुर में शिक्षा विभाग के अधिकारी थे। वहीं, ब्रजकिशोर सिंह समस्तीपुर में ही प्राइवेट कालेज चलाया करते थे। वहीं से उनकी शादी हुई शादी का पूरी रस्में समस्तीपुर में ही संपन्न हुई थी।

    वह बताते हैं कि जिस समय शारदा सिन्हा का विवाह हुआ था, उसे समय हम लोगों का घर गंगा में काटकर विस्थापित हो गया था। हम लोग सिहाम बबुर्वान्नी में फूस का घर बनाकर रहते थे।

    दो भाई को सरकारी नौकरी हो गई। एक डाक्टर हो गए तो एक शिक्षा विभाग में अधिकारी फिर उन दोनों का परिवार बाहर रहने लगा और छोटे भाई का परिवार सिहमा में है।

    शादी-विवाह या छठ पर्व पर आती थीं गांव

    शारदा सिन्हा शादी-विवाह या फिर छठ पर्व आदि के मौके पर गांव आया करती थीं। पूरे परिवार के साथ जय किशोर सिंह बताते हैं कि शारदा सिन्हा को एक पुत्र अंशु है और एक पुत्री वंदना। दोनों की शादी हो चुकी है।

    वहीं, मझले भाई डॉ. नंदकिशोर सिंह को दो पुत्र एवं दो पुत्री है। सबका शादी विवाह हो गया है, जय किशोर सिंह को भी दो पुत्र एवं दो पुत्री है, सबों का शादी विवाह हो गया है।

    उन्होंने बताया कि सुबह से जब बीमार होने की सूचना मिली तो उनके स्वस्थ होने के लिए पूजा पाठ भी किया जा रहा था। शारदा सिन्हा के पति का भी सितंबर में ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया था।

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