Genda Phool Ki Kheti: गेंदा फूल की खेती से किसान कर रहे लाखों की कमाई, इस आसान तरीका से हो रहे मालामाल
गेंदा फूल की खेती किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने का जरिया बन रही है। इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए कई किसान व्यावसायिक स्तर पर इसकी खेती कर रहे हैं। गेंदा फूल की खेती खाद्य फसल की तुलना में अधिक लाभकारी है। किसान जैविक खाद का प्रयोग करके फूल की खेती करते हैं और प्रत्येक सप्ताह खेतों से फूल तोड़ते हैं।

प्रभात कुमार झा, बछवाड़ा (बेगूसराय)। Marigold Flower Farming: पूजा-पाठ से लेकर सुंदरता के साथ औषधीय गुणों से भरपूर है गेंदा का फूल। मानव जीवन में गेंदा फूल एवं इसके पत्ती के कई उपयोग हैं। सजावट के नजरिये से देखें तो इसकी खेती कर किसान आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहे हैं।
यह किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने का जरिया बन रहा है। फूलों की बढ़ती मांग को देखते हुए बछवाड़ा, राजापुर, चिरंजीवीपुर सहित आसपास के क्षेत्र में कई किसानों ने व्यावसायिक स्तर पर इसकी खेती शुरू की है। किसानों ने बताया कि गेंदा फूल की खेती खाद्य फसल की तुलना में अधिक लाभकारी है।
स्थानीय बाजार में शादी विवाह या अन्य मौके पर कोलकाता या अन्य राज्यों से गेंदा फूल मंगाए जाते हैं। गेंदा फूल की खेती कर रहे बछवाड़ा निवासी सुरेश चौधरी के पुत्र दीपक कुमार ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से इसकी खेती कर रहे हैं।
पहली बार कोलकाता से बीज मंगवाए, अब स्वयं कर रहे तैयार
गेंदा की खेती कर रहे किसान दीपक एवं सुरेश ने बताया कि पहली बार खेती के लिए कोलकाता से बीज मंगवाए थे। अब बीज का भी उत्पादन वे खुद कर रहे हैं। वे पांच कट्ठा में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। प्रति कट्ठा करीब 250 से तीन सौ पौधे लगाए गए। एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी करीब 22 इंच रखी गई है।
उन्होंने बताया कि फूल की खेती में जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है। प्रति कट्ठा 10 से 15 किलोग्राम जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है। रोपनी के 45 दिन के बाद पौधे से फूल तोड़ने लायक हो जाता है। प्रत्येक सप्ताह खेतों से फूल तोड़ते हैं।
35 से 40 रुपये प्रतिकिलोग्राम बिकता है फूल
- स्थानीय ग्राहकों के द्वारा 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खेतों में ही फूल की खरीदारी कर ली जाती है। बाजार में दो सौ ढ़ाई सौ रुपये प्रति कोरी की दर से फूल बिक जाते हैं।
- 20 लड़ी की एक कोरी होती है। साल में सितंबर से मार्च तक तथा अप्रैल से सितंबर तक गेंदा फूल की खेती की जाती है।
- किसानों ने बताया कि प्रति कट्ठा एक हजार रुपये की दर से गेंदा फूल की खेती में पूंजी की जरूरत पड़ती है। किसानों को चार से पांच हजार रुपये प्रति कट्ठे की दर से आमदनी होती है।
- किसानों ने कहा कि गर्मी के मौसम में फूलों के भंडारण की सुविधा नहीं रहने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकारी तौर पर उद्यान विभाग की ओर से भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
- इधर, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी जय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि गेंदा फूल की खेती के लिए सरकार की ओर से किसानों को पौधे निश्शुल्क उपलब्ध कराने का प्रविधान है।
Bihar News: बिहार के DGP ने बनाया धांसू प्लान; कांप उठेंगे बदमाश; एसपी को मिला ये ऑर्डर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।