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Bihar News: बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान बनीं पायलट, कहा- बचपन से आसमान में भरना चाहती थी उड़ान

Bihar News बिहार के बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान पायलट बनी हैं। पायलट बनने के बाद कौकब ने कहा कि वो बचपन से आसमान में उड़ान भरने का सपना देखा करती थी। माता पिता ने इस मुकाम तक पहुंचने पर भरपुर साथ दिया।

By Rahul KumarEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2022 07:54 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 07:54 PM (IST)
Bihar News: बेगूसराय की पहली मुस्लिम लड़की कौकब रिजवान बनीं पायलट, कहा- बचपन से आसमान में भरना चाहती थी उड़ान
पायलट कौकब रिजवान(बांए) अपने दोस्त के साथ। जागरण

जागरण संवाददाता, बेगूसराय। शहर के पोखरिया मोहल्ला निवासी व दवा कारोबारी रिजवान अहमद की बड़ी पुत्री कौकब रिजवान ने पायलट बनकर बेगूसराय की पहली मुस्लिम पायलट बनने का गौरव प्राप्त कर लिया है। इंडिगो में उनकी नौकरी लगी है और वह नोयडा स्थित प्रशिक्षण सेंटर में उड़ान का अभ्यास कर रही हैं। उनके पिता मो. रिजवान मूल रूप से भगवानपुर प्रखंड के कटहरिया गांव के निवासी हैं। उनकी माता शाहीना परवीन के अनुसार उनकी सिर्फ दो पुत्रियां हैं। बड़ी कौकब पायलट बनी हैं और छोटी कौसर एमबीबीएस करने के बाद एमएस कर रही हैं।

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पिता रिजवान बताते हैं कि कौकब की प्रारंभिक शिक्षा बेगूसराय शहर के एक प्राइवेट स्कूल से हुई थी, फिर मुजफ्फरपुर में भी एक निजी स्कूल में पढ़ाई की। इस दौरान उसने वुशु कराटे में ग्रीन बेल्ट हासिल की, ढेर सारे गोल्ड मेडल जीते। उच्च शिक्षा के लिए वह अरब अमीरात के यमन शहर चली गई। फिर डीजीसीए विंग एवेशन प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद से सीपीएल का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कमर्शियल पायलट की प्रशिक्षण के उपरांत वह दोहा-कतर से टाइप रेटिंग का कोर्स पूरा किया।

कौकब ने बताया कि बचपन से आसमान में उड़ान भरने का सपना देखती थी। माता-पिता ऐसे मिले कि उन्होंने कभी बेटी होने का अहसास भी नहीं होने दिया। जब जैसी इच्छा जताई, वे दोनों बस पूरा करते गए। जिसके कारण आज वह इस मुकाम तक पहुंच सकी हैं। कौकब ने बताया कि पायलट का प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत उसे पांच राउंड के परीक्षा से गुजरना पड़ा। तत्पश्चात वह एनएफटीआइ गोविंदिया महाराष्ट्र में ग्राउंड प्रशिक्षक के रूप में कार्य की। अब जाकर वह पूर्ण रूपेन इंडिगो ऐयरलाइंस में पायलट बनी हैं। फिलहाल नोयडा में उड़ान का अभ्यास कर रही हैं, अगले महीने से वह यात्रियों को लेकर उड़ान भरेंगी। उनके पिता के अनुसार कौकब 2020 में ही पायलट की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी, परंतु कोरोना के कारण उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पा रही थी। दस दिन पूर्व उसे अंतिम अभ्यास के लिए नोयडा में तैनात किया गया है।


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