Bihar Jamin Registry: बिहार में जमीन रजिस्ट्री में आई बड़ी समस्या, इस जिले के अधिकारियों ने बताई परेशानी
Online Jamin Registry Biharबिहार के बेगूसराय जिले में निबंधन की ऑनलाइन प्रक्रिया सुस्त चल रही है जिससे क्रेता-विक्रेता और कातिबों को परेशानी हो रही है। पहले मैनुअल प्रक्रिया में एक ही दिन में निबंधन हो जाता था लेकिन अब आनलाइन प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं। इसके अलावा गवाहों को भी दोनों दिन कार्यालय आना पड़ता है और उनके आधार कार्ड एवं उंगली के निशान लिए जाते हैं।
जागरण संवाददाता, बेगूसराय। Bihar News: बेगूसराय जिले में निबंधन की आनलाइन प्रक्रिया सुस्त चल रही है। मैनुअल प्रक्रिया में जहां एक ही दिन में क्रेता-विक्रेता को निबंधन कार्यालय से फुर्सत मिल जाती थी और दस्तावेज मिल जाते थे, अब जांच-दर-जांच की आनलाइन प्रक्रिया ने इसे जटिल बना दिया है।
लिपिकीय स्तर की जांच के बाद इसे पदाधिकारी की आईडी में भेजा जाता है और जांच के बाद निबंधन की तिथि तय होती है। इस प्रक्रिया में दो दिन लग जाते हैं। सबसे बड़ी बात, अब गवाहों को भी दोनों दिन कार्यालय आना पड़ता है।
चूंकि दोनों गवाहों के आधार कार्ड एवं उंगली के निशान भी लिए जा रहे हैं। कुल मिलाकर निबंधन की नई आनलाइन प्रक्रिया कातिब एवं क्रेता-विक्रेता के लिए फिलवक्त बोझिल बन गई है।
क्रेता-विक्रेता भी कर सकते हैं आनलाइन दस्तावेज दाखिल
जमीन निबंधन के लिए अब क्रेता-विक्रेता या फिर कातिब द्वारा आनलाइन दस्तावेज दाखिल किया जाता है। विभाग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक जमीन खरीद-बिक्री करने वाले व्यक्ति खुद भी दस्तावेज आनलाइन कर सकते हैं, लेकिन क्रेता-विक्रेता की आइडी से सिर्फ एक दस्तावेज ही आनलाइन किया जा सकेगा।
जबकि विभाग में जमीन निबंधन का दस्तावेज लिखने वाले कातिब की आइडी से एक से अधिक दस्तावेज आनलाइन किया जा सकता है।
जांच के बाद होता है निबंधन
किसी व्यक्ति अथवा कातिब द्वारा दाखिल दस्तावेज की आनलाइन जांच कार्यालय के बाबू से लेकर अधिकारी स्तर तक होता है। कार्यालय के आपरेटर, लिपिक आदि द्वारा दस्तावेज की जांच के बाद उसे निबंधन पदाधिकारी के आइडी पर भेजा जाता है और निबंधन पदाधिकारी भी दस्तावेज की जांच करते हैं।
कर्मी या अधिकारी द्वारा जांच के दौरान दस्तावेज में गड़बड़ी पाए जाने पर उसे संबंधित व्यक्ति के आइडी में वापस कर दिया जाता है। दस्तावेज सही पाए जाने के बाद पुन: निबंधन की तिथि तय होती है।
अब गवाह का भी लगता है उंगलियों के निशान
जमीन निबंधन की आनलाइन प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व तक निबंधन के लिए तैयार दस्तावेज पर क्रेता-विक्रेता के साथ पहचान कर्ता एवं गवाह का हस्ताक्षर होता था। तब दस्तावेज के साथ सिर्फ पहचानकर्ता का आधार कार्ड लगाया जाता था।
दस्तावेज पेश करने पर सिर्फ पहचानकर्ता के आधार कार्ड का मिलान एवं उंगलियों का निशान लिया जाता था। लेकिन अब नए नियम में गवाह के आधार कार्ड की जांच एवं गवाह के उंगलियों के निशान लेने का भी प्रविधान कर दिया गया है।
परेशानी का आलम यह है कि क्रेता-विक्रेता के साथ अब पहचानकर्ता एवं गवाह को भी दस्तावेज दाखिल करने एवं निबंधन दोनों दिन उपस्थित रहना पड़ता है।
क्या कहते हैं लोग
- निबंधन विभाग के कातिब शिवनंदन सिंह, अनिल सिंह, मनोज कुमार, सुधीर कुमार आदि ने बताया कि आनलाइन निबंधन की प्रक्रिया से हमलोगों की परेशानी बढ़ी है।
- वहीं क्रेता सुमन कुमारी, गणेश कुमार आदि ने बताया कि पहले एक दिन में ही निबंधन हो जाता था और दस्तावेज की कापी मिल जाती थी।
- लेकिन अब इसी कार्य के लिए कम से कम दो दिन निबंधन कार्यालय आना पड़ता है। साथ ही निबंधन के लिए तिथि का भी इंतजार करना पड़ता है।
कहते हैं अधिकारी
जिला अवर निबंधन पदाधिकारी वंदना कुमारी ने कहा कि यह बात सही है कि एक ही दिन में अब जमीन का निबंधन नहीं हो पाता है। लेकिन आनलाइन निबंधन की यह प्रक्रिया आमलोगों के लिए बहुत ही अच्छी है। उन्होंने कहा कि अभी शुरुआती समय है।
सभी के आधार के सत्यापन में थोड़ा समय लगता है, इसलिए लोगों को परेशानी हो रही है। 10-15 दिन बीतते-बीतते सभी कार्य सामान्य रूप से शुरू हो जाएगा और किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
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