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    Begusarai News: दो-दो बार शिलान्यास, फिर भी नहीं बनी; 5 साल बाद भी अधर में लटकी ₹91 लाख की ग्रामीण सड़क

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:13 AM (IST)

    एक ग्रामीण सड़क परियोजना, जिसका दो बार शिलान्यास हुआ, पांच साल बाद भी अधर में लटकी है। 91 लाख रुपये की लागत वाली यह सड़क अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़क का काम अटका हुआ है और वे जल्द निर्माण पूरा करने की मांग कर रहे हैं।

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    दो-दो बार शिलान्यास पर पांच वर्षों में नहीं बन पाई सड़क। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, बछवाड़ा (बेगूसराय)। प्रखंड की गोविंदपुर- तीन पंचायत के वार्ड संख्या 14 सुरो ओझा टोल एनएच 28 से गाछी टोला तक डेढ़ किलोमीटर में बनने वाली मुख्यमंत्री ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत सड़क शिलान्यास के पांच वर्ष बाद भी नहीं बन सकी है।

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    स्थानीय ग्रामीण अशोक झा, रविंद्र झा, लल्लू झा, अर्जुन महतो, रामाधीन महतो आदि ने बताया कि वर्ष 2019 में बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग से 91 लाख 29 हजार 457 रुपये की स्वीकृति मिलने के बाद तत्कालीन विधायक रामदेव राय ने सड़क का शिलान्यास किया था।

    कार्य प्रारंभ करने की तिथि अगस्त 2020 एवं कार्य समाप्ति की तिथि अगस्त 2021 निर्धारित की गई थी। कार्य प्रारंभ करने से पूर्व विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लचर होने के कारण काफी विलंब होने से तत्कालीन ठेकेदार ने लागत राशि न्यूनतम बताते हुए कार्य प्रारंभ करने में अपनी असमर्थता जताई।

    इस बीच ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल तेघड़ा से राशि बढ़ाए जाने एवं नए सिरे से विभागीय स्वीकृति के प्रस्ताव को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद नये सिरे से विभागीय स्तर से सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने को लेकर अधिकृत किया गया।

    इस बीच स्थानीय विधायक सह बिहार सरकार के निवर्तमान खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने वर्ष 2025 के शुरुआती दिनों में ही सुरो गांव पहुंचकर कुछ जमीन मालिकों से संपर्क कर ठप पड़े सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ कराने का मार्ग प्रशस्त किया।

    खेल मंत्री ने ग्रामीण कार्य प्रमंडल तेघड़ा के कार्यपालक अभियंता को सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। ठेकेदार द्वारा कार्य स्थल पर कुछ जगहों पर कुछ ट्रैक्टर से मिट्टी और उजला बालू डालकर छोड़ दिए जाने से ग्रामीणों के बीच आक्रोश पनपने लगा है।

    इस संबंध में ग्रामीण कार्य प्रमंडल तेघड़ा के कार्यपालक अभियंता से उनका पक्ष जानने को लेकर संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका।