Begusarai News: मंजू देवी मामले में फिर टली सुनवाई, अगली तारीख पर आ सकता है फैसला
बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ चल रहे मामले में गुरुवार को भी फैसला नहीं आया। इससे पहले बेगूसराय के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश चंचल कुमार तिवारी के न्यायालय में इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया था। कोर्ट ने 17 जनवरी को फैसले की तारीख तय की थी लेकिन तब न्यायिक कर्मियों की हड़ताल की वजह से फैसला नहीं आया।

जागरण संवाददाता, बेगूसराय। बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा मामले में गुरुवार को भी सुनवाई टल गई। व्यवहार न्यायालय बेगूसराय के एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश चंचल कुमार तिवारी के न्यायालय में यह मामला पिछले दिनों निर्णय पर सुरक्षित था, लेकिन तकनीकी कारणवश निर्णय नहीं हो सका।
अगली सुनवाई पर फैसला
- बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर चल रहे मामले में फैसले के लिए 17 जनवरी की तिथि सुनिश्चित की गई थी, लेकिन न्यायिक कर्मियों की हड़ताल के कारण निर्णय पारित नहीं किया जा सका।
- मामले में सुनवाई की तिथि सुनिश्चित रहने के कारण गुरुवार को भी फैसला टल गया। अब यह मामला अगली सुनवाई पर सुनिश्चित हो गया है।
गंगा पुल परियोजना के तहत भूमि व आवास आवंटन की होगी जांच: विजय सिन्हा
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि गंगा पुल परियोजना के तहत भूमि व आवास आवंटन की जांच होगी। अवैध कब्जाधारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। संलिप्त विभागीय पदाधिकारियों की पहचान कर उन पर भी कार्रवाई होगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा पुल परियोजना के तहत विस्थापितों के पुनर्वास के लिए विभाग द्वारा एक नीति बनायी गई थी। इसके तहत विस्थापितों को गृह निर्माण के लिए जमीन आवंटित करने का प्रावधान था। यह व्यवस्था उन विस्थापितों के लिए थी जिनके पास पटना या हाजीपुर में अपना घर नहीं है।
अवैध कब्जा करने वालों की संख्या ज्यादा
इसके बाद बच गई शेष जमीन को आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लोगों को अनुकंपा के आधार पर या फिर लॉटरी पर देने का प्रावधान था। इस मामले में उन्हें शिकायतें प्राप्त हुई हैं। आरंभिक रूप से प्राप्त जानकारी से यह स्पष्ट हो रहा है कि अवैध कब्जाधारियों की संख्या काफी है।
पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि गंगा ब्रिज कॉलोनी के जर्जर आवासों को तोड़कर उस स्थान पर पथ निर्माण विभाग के उपयोग के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण पर विचार होगा।
विभाग की संपत्ति पर वर्षों से अवैध कब्जा गंभीर विषय है। इसके सभी तकनीकी पहलुओं और न्यायिक मामलों की समीक्षा कर नियम के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
यह स्थान गंगा के किनारे गायघाट में है। इस स्थल का मेरिनड्राइव से सुलभ संपर्कता है। यहां पथ निर्माण विभाग के कार्यालय, निरीक्षण भवन व प्रशिक्षण केंद्र के साथ व्यवसायिक गतिविधियों के लिए संरचना निर्माण पर विचार होगा।
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