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    Bihar News: बेगूसराय के पूर्व SP, DSP और SDO के खिलाफ जमानती वारंट जारी, 10 साल पुराना है मामला

    Updated: Tue, 27 Aug 2024 01:21 PM (IST)

    बेगूसराय कोर्ट ने 2014 के एक मामले में पूर्व एसपी हरप्रीत कौर पूर्व डीएसपी राजकिशोर सिंह और पूर्व एसडीओ सत्यप्रकाश मिश्रा समेत छह आरोपियों के खिलाफ 2 माह पहले जमानतीय वारंट जारी किया था। यह मामला तीन बच्चों के अपहरण और एक अपहृत पीयूष की हत्या के विरोध में शांति मार्च कर रहे लोगों की गिरफ्तारी और थाने में लाकर उनसे मारपीट के आरोप से जुड़ा है।

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    बेगूसराय की पूर्व एसपी, डीएसपी और एसडीओ समेत छह के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी। (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, बेगूसराय। Bihar Crime: न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार पांडे ने बेगूसराय की पूर्व एसपी हरप्रीत कौर, पूर्व डीएसपी राजकिशोर सिंह व पूर्व एसडीओ सत्यप्रकाश मिश्रा समेत छह आरोपितों के विरुद्ध दो माह पूर्व जमानतीय वारंट जारी किया है।

    मामला वर्ष 2014 में तीन बच्चों के अपहरण एवं अपहृत पीयूष की हत्या के विरोध में शांति मार्च कर रहे अपराध विरोधी संघर्ष समिति के नेताओं को गिरफ्तार कर नगर थाने में मारपीट के आरोप से जुड़ा है।

    2014 के मामले में लिया संज्ञान

    न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार पांडे ने वर्ष 2014 में दर्ज परिवाद पत्र पर संज्ञान लेने हुए 27 जून को ही जिले की तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर, तत्कालीन डीएसपी राजकिशोर सिंह सहित अन्य के विरुद्ध वारंट जारी किया था।

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    इस मामले के बाबत पूछने पर आरोपित के पक्ष के अधिवक्ता विजय महाराज ने कहा कि तत्कालीन एसपी हरप्रीत कौर एवं तत्कालीन डीएसपी राजकिशोर के विरुद्ध जारी वारंट रिकॉल करने तथा दप्रस की धारा 205 के तहत न्यायालय में पिटीशन दाखिल की गई है।

    उन्होंने कहा कि पिटीशन रिज्वाइंडर पर है। परिवादी के अधिवक्ता द्वारा जवाब दिए जाने के उपरांत उस पर बहस होगी और आदेश जारी होगा। लेकिन धारा 205 के तहत दिए गए आवेदन के उपरांत आरोपित के विरुद्ध जारी वारंट स्थगित हो जाता है और आरोपित की ओर से अधिवक्ता को परमिट कर दिया जाता है।

    18 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

    वहीं, परिवादी के अधिवक्ता प्रमोद कुमार ने कहा कि मामला रिज्वाइंडर पर है। मामले की अगली तिथि 18 अक्टूबर 2024 को निर्धारित है। जब तक रिज्वाइंडर पर सुनवाई नहीं होती है, तब तक मामले में कोई दूसरी कार्रवाई नहीं हो सकती है।

    उन्होंने कहा कि आरोपित के अधिवक्ता द्वारा वारंट रिकॉल करने के लिए दिए गए आवेदन पर अभी कोई आदेश नहीं हुआ है। जब तक न्यायालय का आदेश नहीं होता है तब तक न्यायालय के आदेश के आलोक में पुलिस कार्रवाई कर सकती है।

    नोट-: इस खबर के कुछ तथ्यों को अपडेट किया गया है।

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