Banka News: 'साहब... मैं चंद्रमा हूं मुझे चन्नो मत बनाइए...', नाम बदलने से नहीं मिल रही है पेंशन राशि
बांका जिले के धोरैया प्रखंड में आधार कार्ड की गड़बड़ियों के कारण कई पेंशनधारी अपनी पेंशन से वंचित हैं। चंद्रमा देवी का नाम आधार कार्ड में गलत दर्ज होने से उन्हें एक साल से पेंशन नहीं मिली है। इसी तरह कौशल्या देवी और कई अन्य वृद्धजनों को भी आधार में गलत जानकारी के कारण परेशानी हो रही है। अधिकारी इन समस्याओं को सुधारने के लिए प्रयासरत हैं।

बोध नारायण तिवारी, धोरैया (बांका)। भल्लू गांव की चंद्रमा देवी को पेंशन योजना का लाभ मिलना था, लेकिन आधार कार्ड में उनका नाम चंद्रमा के बजाय चन्नो देवी दर्ज कर दिया गया है। इस गड़बड़ी के कारण उन्हें पिछले एक वर्ष से पेंशन नहीं मिल रही है।
इसी प्रकार, लक्ष्मीकितता गांव की कौशल्या देवी भी दो वर्षों से पेंशन की राशि से वंचित हैं। उनके आधार कार्ड में उम्र 80 वर्ष के बजाय 57 वर्ष दर्शायी गई है, जिससे उनकी पेंशन रुक गई है।
प्रखंड क्षेत्र में वृद्धजन, दिव्यांग और लक्ष्मीबाई जैसे पेंशनधारियों की संख्या 26 हजार से अधिक है, जिनमें से लगभग दो हजार पेंशनधारियों के आधार में गड़बड़ी के कारण पेंशन की राशि नहीं मिल रही है।
कई पेंशनधारी अधिक उम्र के कारण चलने में असमर्थ हैं, फिर भी वे किसी तरह प्रखंड कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रख रहे हैं। लेकिन उनकी वास्तविक उम्र और आधार में दर्ज उम्र में अंतर के कारण उन्हें सुधार कराने के लिए वापस भेज दिया जा रहा है।
कुछ पेंशनधारियों के जीवित प्रमाण पत्र के सत्यापन में उनके अंगूठे का निशान नहीं आ रहा है, जिससे उन्हें भी पेंशन की राशि नहीं मिल पा रही है। करहरिया पंचायत की बीबी कुरेशा ने बताया कि वह एक वर्ष से पेंशन के लिए भटक रही हैं।
उनका नाम आधार कार्ड में कुरेशा के बजाय कुरेमा हो गया है, जिससे उनकी पेंशन बंद हो गई है। बटसार पंचायत की हमीदा खातून ने भी बताया कि एक वर्ष से उनके बैंक खाते में पेंशन की राशि नहीं आई है, जबकि उन्होंने कई बार प्रखंड कार्यालय में शिकायत की है।
जिन पेंशनधारियों के आधार कार्ड में नाम या उम्र गलत है, उन्हें जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर सुधार कराना होगा। आधार में सुधार के बाद ही पेंशन की राशि उनके बैंक खाते में आएगी। जिनके अंगूठे या आंख की स्कैनिंग नहीं हो पा रही है, उनके मामले में वरीय पदाधिकारी से निर्देश मांगा गया है। -अरविंद कुमार, बीडीओ, धोरैया।
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