Bihar News: मुखिया और सरपंच को 7500 रुपये हर महीने मिलेंगे, झटपट करेंगे आपके ये काम
बांका जिले में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता 50% तक बढ़ाया गया है जिससे मुखिया और सरपंच को अब 7500 रुपये मिलेंगे। वार्ड सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों के भत्ते में भी वृद्धि हुई है। सरकार ने मनरेगा के कार्यों के लिए मुखिया की स्वीकृति सीमा भी बढ़ाई है। पंचायत प्रतिनिधियों के हथियार लाइसेंस आवेदनों को तेजी से निपटाने का भी निर्णय लिया गया है।

संवाद सूत्र, बांका। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मासिक भत्ते में 50 फीसद तक बढ़ोतरी की गई है।इससे जिले के 5464 जनप्रतिनिधयों को लाभ मिलेगा। अब हर महीने मुखिया और सरपंच को 7,500 रुपए मिलेंगे।
पहले उन्हें पांच हजार मिलते थे। इसी तरह उप सरपंच और उप मुखिया को अब 3,750 रुपए मिलेंगे। पहले उन्हें ढाई हजार रुपए मिलते थे। इसी तरह वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के मासिक भत्ते में बढ़ोतरी की गई है।
जिले में कुल 182 पंचायत है। ऐसे में 182 मुखिया, 2417 वार्ड सदस्य, 182 सरपंच, 2417 पंच, 25 जिला परिसद सदस्य और 241 पंचायत समिति सदस्य हैं। इन सभी को बढ़े हुए मानदेय का लाभ मिलेगा। जनप्रतिनिधियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।
रजौन मुखिया संघ के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार, ओड़हरा मुखिया प्रवीण सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। मासिक भत्ता में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी की गई है। साथ ही चुनाव से पहले पंचायत सरकार भवन के निर्माण का काम अगर शुरू हो जता है तो इससे विकास को और गति मिलेगी।
अभी उनलोगों के पंचायत में पुराना भवन है। नए पंचायत सरकार भवन के बन जाने से वहां पर पंचायत के लोगों को भी एक छत के नीचे कई तरह की सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
अभी जाति, आय, आवासीय आदि बनवाने के लिए लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। यहां पर भवन और संसाधन की कमी के कारण लोगों को उचित लाभ नहीं मिल रहा है। लेकिन जल्द लोगों को इन सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा।
मनरेगा के काम में आएगी तेजी
सरकार ने जनप्रतिनिधियों के मासिक भत्ते में वृद्धि के साथ-साथ मुखिया के पावर में भी बढ़ोतरी की है। मुखिया पहले मनरेगा से पंचायत में होने वाले काम के लिए पांच लाख तक की योजनाओं के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दे सकते थे।
लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ा कर 10 लाख कर दिया है। इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी। विभिन्न पंचायतों के मुखिया ने बताया कि पांच लाख से अधिक राशि की योजनाओं के लिए उनलोगों को मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी से स्वीकृति लेना पड़ता था।
हथियार का मिलेगा लाइसेंस
मझगांय-डरपा के सरपंच राजेश राय ने बताया कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। पंचायत प्रतिनिधियों के हथियार लाइसेंस के आवेदन को डीएम निर्धारित समय सीमा के अंदर नियमानुसार निष्पादित करेंगे। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।
इसके साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों के परिजनों को पहले केवल आकस्मिक मृत्यु होने पर ही पांच लाख रुपए मिलता था। लेकिन अब कार्यकाल में सामान्य मृत्यु होने पर भी पांच लाख का अनुग्रह अनुदान उनके परिजनों को मिलेगा।
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