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    Banka News: भूमाफियाओं के हौसले बुलंद, राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से किया सरकारी जमीन पर अतिक्रमण

    Updated: Sun, 11 May 2025 12:16 PM (IST)

    बांका के चांदन में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात के आधार पर जमीन को निजी बताकर अतिक्रमण किया गया है। भूमि सुधार विभाग ने जिलाधिकारी से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है जिससे भूमाफिया में खलबली मची है। जल्द ही इस मामले में बड़ा एक्शन हो सकता है।

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    भूमाफिया सरकारी जमीन को निजी बनाकर कर रहे कब्जा

    संवाद सहयोगी,चांदन (बांका)। प्रखंड के सिलजोरी पंचायत के भनरा मौजा में सरकारी जमीन को स्थानीय पदाधिकारी और राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत से फर्जी कागजात के आधार पर निजी जमीन बताकर अतिक्रमण करने के मामले में भूमाफिया में खलबली मच गई है। दरअसल, बिहार भूमि सुधार विभाग द्वारा जिलाधिकारी से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद से भूमाफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।

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    विधान परिषद में उठा मुद्दा

    कुछ भूमाफिया स्थानीय नेताओं के पास जाकर इस मामले को रफा दफा कराने का प्रयास कर रहे है। इस मामले को पहले विधानपार्षद विजय सिंह और अब तरुण कुमार द्वारा भी विधान परिषद में उठाया गया। उसके बाद ही पदाधिकारी की नींद खुली। वैसे इस प्रकार का सैकड़ो मामले अभी भी फाइलों में बंद हैं और उसपर धूल जम रही है।

    1000 एकड़ जमीन की जमाबंदी रद

    पूर्व अपर समाहर्ता माधव कुमार द्वारा चांदन, बिरनिया, सिलजोरी,और कोरिया पंचायत के विभिन्न मौजे के करीब 1000 एकड़ की जमीन की जमाबंदी को रद किया जा चुका है।

    इसका आदेश अंचल कार्यालय पहुंचने के बाद भी उस जमीन पर अतिक्रमणकारियों का ही दखल बना हुआ है। जबकि आदेश के बाद उस जमीन को खाली कराकर उस पर पेड़ लगाने हैं।

    प्रखंड में अभी भी सैकड़ों मामले

    सरकारी जमीन पर गलत और फर्जी कागजात के आधार पर जमाबंदी दर्ज होने का मामला अंचल एवं समाहर्ता सहित न्यायालय के पास लंबित है। जबकि चांदन काली मंदिर, हाट,पंचायत भवन सहित कई सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाबजूद उसे हटाने में पदाधिकारी कोई दिलचस्पी नही ले रहे है।

    यही वजह है कि प्रखंड भर में लगातार सरकारी जमीन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। सरकारी जमीन पर कब्जा करने में सिर्फ भूमाफिया ही नही बल्कि कई पंचायत प्रतिनिधियों और नेताओं का भी भूमाफिया को सहारा मिल रहा है।

    प्रखंड में बिक रहे नकली कागज

    इस प्रखंड में जाली हुकमनमा, बंदोबस्ती परवाना, रिटर्न, फर्जी राजस्व रसीद, भूदान इत्यादि का कागज बन और बिक रहा है, जिससे भूमाफिया सहित अन्य मालामाल हो रहे हैं।

    इसी कारण और फर्जी कागजात के आधार पर एक ही जमीन की कई बार जहां बिक्री हो रही है। वहीं, पैसे और पैरवी पर उस जमीन का दाखिल-खारिज भी हो रहा है, जिससे भूमि विवाद के साथ साथ न्यायालय में जमीनी विवाद भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

    रिपोर्ट के आधार पर जमाबंदी रद

    इस संबंध में सीओ रविकांत कुमार का कहना है कि सभी आदेश का धीरे-धीरे पालन हो रहा है। सरकारी जमीन पर गलत जमाबंदी के रदीकरण के लिए भी वरीय पदाधिकारी के पास रिपोर्ट भेजी जा रही है। उसी रिपोर्ट पर सैकड़ो जमाबंदी रद हो चुकी हैं।

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