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    बांका के खेतों को पवित्र करेगा गंगा जल, लहलहाएगी फसल, बढ़ेगा ऊपज

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 12:53 PM (IST)

    बांका में गंगा जल अब खेतों की सिंचाई कर उपज बढ़ाएगा। 1800 करोड़ रुपये की गंगा जल उद्वह योजना के तहत मुंगेर और भागलपुर के खेतों को भी लाभ मिलेगा। अजगैव ...और पढ़ें

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    गंगा जल पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है योजना

    संवाद सूत्र, बेलहर (बांका)। गंगा जल अब बांका के खेतों को पवित्र करने के साथ ऊपज बढ़ाने के काम आएगा। मुंगेर और भागलपुर की धरती हर साल गंगा जल से डूबती है। अब गंगा जल बांका पहुंचकर बांका ही नहीं मुंगेर और भागलपुर के खेतों को भी ताकत देगी। बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसकी घोषणा की थी। तब अधिकांश लोगों ने इसे कोरी कल्पना समझा था। मगर चुनाव खत्म होते ही बदुआ डैम के पास इस परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। बिजीखरबा सिंचाई कार्यालय के पास पिछले 15 दिनों से काम तेजी से चल रहा है।

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    • - बदुआ डैम में पहुंचकर खेतों तक जाएगा पानी
    • - 18 सौ करोड़ रुपये की परियोजना के काम ने पकड़ी गति

    18 सौ करोड़ रूपये की राशि से बेलहर के बदुआ हनुमाना डैम तक गंगा के पवित्र जल पहुंचाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जाना है। अजगैवीनाथ धाम से बदुआ हनुमाना डैम तक 56 किलोमीटर चार से पांच फिट आयात का मजबूत स्टील (लोहे) के पाइप का बिछाव किया जा रहा है। गंगाजल को स्टोर करने के लिए बिज्जीखरबा सिंचाई प्रमंडल परिसर में 10 फीट गहरी और 34 हजार स्कवायर मीटर के क्षेत्रफल का तालाब का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। तालाब की आरसीसी ढलाई होगी। लिफ्ट सिस्टम के जरिए फ़िल्टराइज कर गंगाजल को बदुआ डैम तक पहुंचाया जाएगा। वहीं तारापुर में भी गंगाजल स्टोर किया जाएगा। जहां से 25 किलोमीटर तक पाइप बिछाकर हवेली खड़गपुर के डैम तक गंगाजल को पहुंचाया जाएगा। इसके बाद बेलहर के बेलहरना और फुल्लीडुमर प्रखंड क्षेत्र के कोझी डैम तक भी गंगाजल पहुंचाने की योजना है। इससे हजारों एकड़ भूमि को सिंचाई संकट से मुक्ति मिल जाएगी। फिलहाल बिज्जीखरबा में तालाब निर्माण का खोदाई कार्य शुरू हो गया है। जगह-जगह पाइप भी गिराया जा रहा है।

    किसानों में इससे खुशी की लहर देखी जा रही है। हालांकि विकास यात्रा के दौरान तिलकपुर आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डैम का निरीक्षण कर डक्ट स्कीम तहत सिंचाई संकट दूर करने का घोषणा किया था। लेकिन उक्त स्कीम धरातल पर नहीं उतर सकी थी। अब गंगाजल को डैम तक पहुंचाकर किसानों की आर्थिक आय दोगुनी करने की तरफ कदम बढ़ा दिया गया है। निकट भविष्य में किसानों को सिंचाई संकट जैसी समस्या से अब नहीं जूझना पड़ेगा।

    बदुआ डैम का इतिहास


    हनुमाना डैम से 48 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होता है। 422 फीट के बाद डैम मृत अवस्था में आ जाता है। बेलहर और शम्भूगंज प्रखंड क्षेत्र के 22195 हेक्टेयर भूमि सिंचित होता है। मुंगेर जिले में संग्रामपुर और तारापुर प्रखंड क्षेत्र के लगभग 23 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। 370 फिट पानी रहने पर भूमि सिंचित नहीं होती है। डैम मृतप्राय हो जाता है। बदुआ डैम का पश्चिमी की तुलना पूर्वी केनाल 20 फिट ऊंचा है।

    2026 के अंत तक योजना को पूर्ण करना है। निर्माण कार्य शुरू हो गया है। तालाब खोदाई का कार्य जारी है। पाइप लाइन का भी काम शुरू हो गया है। निर्धारित समय पर काम पूरा किया जाएगा।
    राजेश मिश्रा, साइड इंचार्ज, बिज्जीखरबा