Banka News: कमजोर बच्चों की शिक्षण गुणवत्ता में होगा सुधार, बनेंगे टीम लीडर
बांका जिले के रजौन धोरैया और बाराहाट प्रखंडों में प्रधानाध्यापकों की गुरु गोष्ठियों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया गया। कमजोर छात्रों को आगे बढ़ाने इको क्लब का गठन करने और विद्यालयों में रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने जैसे कई निर्णय लिए गए। एक पेड़ मां के नाम अभियान और सुरक्षित शनिवार जैसे कार्यक्रमों को गति देने पर भी चर्चा हुई।

जागरण टीम, बांका। जिले के रजौन, धोरैया और बाराहाट प्रखंडों में आयोजित प्रधानाध्यापकों की गुरु गोष्ठियों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, कमजोर बच्चों को आगे बढ़ाने और विद्यालयों में रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। इन बैठकों में इको क्लब गठन, एक पेड़ मां के नाम, वाल पेंटिंग, शौचालय स्वच्छता, सुरक्षित शनिवार जैसे अभियानों को गति देने की दिशा तय की गई।
रजौन के बीआरसी परिसर में दो पालियों में हुई बैठक में भाषा और गणित के स्तर, कक्षा संचालन, प्रशिक्षण तथा प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग पर चर्चा की गई। प्रशिक्षक तनवीर अहमद, बंटी और रामदेव सिंह ने विद्यालय में इको क्लब गठन, 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान, सुरक्षित शनिवार, ब्लैक बोर्ड कालीकरण जैसे नवाचारों की जानकारी दी। साधनसेवी विनय प्रसाद और शिक्षक संजय कुमार समेत अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।
वहीं, धोरैया में प्लस टू उच्च विद्यालय में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की गोष्ठी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आमोद कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि कमजोर छात्रों की पहचान कर टीम लीडर बनाए जाएंगे जो खेल-खेल में उन्हें सशक्त बनाने में मदद करेंगे।
साथ ही विद्यालय परिसर में ज्ञानवर्धक वाल पेंटिंग कराने की बात कही गई, ताकि बच्चे सहज रूप में पढ़ाई से जुड़ सकें। बैठक में प्रधानाध्यापक राजकुमार प्रसून, विनय कुमार पांडेय, बिरेंद्र बिहारी और एहतेजाशामुल हक सहित अन्य उपस्थित थे।
बाराहाट में डॉ. हरिहर चौधरी उच्च विद्यालय में आयोजित गोष्ठी में सहायक साधनसेवी सैयद जावेद हुसैन, प्रतिनिधि यशविंदर सिंह और सोनी झा ने चेतना सत्र के प्रभावी संचालन और ब्लैक बोर्ड के उचित प्रयोग पर जोर दिया।
ब्लैकबोर्ड के दाहिनी ओर तिथि, नामांकन और उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। साधनसेवी अंकित कुमार मिश्रा ने मध्याह्न भोजन संचालन के बाद उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज करने पर बल दिया।
इन गोष्ठियों के माध्यम से शिक्षकों को विद्यालयों की समग्र गुणवत्ता सुधारने और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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